जैविक खेती के सिद्धांत एवं मृदा समृद्धिकरण का दिया गया प्रशिक्षण
कटनी। वीरांगना रानी दुर्गावती शासकीय महाविद्यालय बहोरीबंद में व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत विद्यार्थियों को जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के क्रम में जैविक खेती के मूलभूत सिद्धांत के अंतर्गत स्वस्थता का सिद्धांत पर्यावरणीय सिद्धांत एवं परिचर्या के सिद्धांत का विस्तृत तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया।
जैविक खेती प्रबंधन योजना के अंतर्गत आवश्यक उपाय के तहत मृदा की समृद्धिशीलता, तापक्रम प्रबंधन, वर्षा जल का संधारण, सूर्य ऊर्जा का अधिकतम उपयोग, आदानों में आत्मनिर्भरता, प्राकृतिक चक्र एवं जीव स्वरूपों की सुरक्षा के साथ पशुधन समन्वय प्राकृतिक ऊर्जा के उपयोग का प्रशिक्षण दिया गया।
मृदा के जैविक रूपांतरण के लिए फसल चक्र बहु फसलीय कृषि प्रणाली दलहनी फसलें जैव उर्वरक के अंतर्गत राइजोबियम अजेक्टर वेक्टर तथा फास्फेटिका एवं जीवामृत तथा विभिन्न जैविक खादों कंपोस्ट केंचुआ खाद गोमूत्र वर्मी वाश पंचगव्य सींग खाद खली आदि के उपयोग की जानकारी दी गई। यह प्रशिक्षण प्राचार्य इंद्र कुमार पटेल के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक मंजू द्विवेदी तथा विवेक चौबे के सहयोग से दिया जा रहा है।