अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के बाद तालिबान ने वहां आतंक और हिंसा का नंगा नाच शुरू कर दिया है। बेकसूरों की हत्या और अराजकता की खबरें अब सामने आने लगी हैं। ताजा खबरों के अनुसार इन दरिंदों ने आज कंधार और हेरात में भारत के वाणिज्य दूतावासों पर धावा बोला और वहां से अहम दस्तावेज एवं कई वाहन भी ले गए।
तालिबान आतंकियों ने अल्पसंख्यक हजारा समुदाय (शिया) के नौ लोगों की भी हत्या कर दी है। इनमें से तीन लोगों को तो घोर यातना देकर मारा है। मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी की प्रमुख एग्नेस कैलामार्ड ने कहा कि चार से छ जुलाई के बीच हुई इस घटना ने तालिबान के पुराने क्रूर शासन की याद दिला दी है। संगठन ने तालिबान के हाथों और भी लोगों के मारे जाने की आशंका जताई है। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने दो दिन पहले ही कहा था कि किसी भी देश के दूतावास या उसके कर्मचारियों को निशाना नहीं बनाया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान ने भारत के पास संदेश भी भिजवाया था कि वह अपने दूतावासों को बंद नहीं करे।
अमेरिकी सेना के जाने का इंतज़ार
समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक अफगानिस्तान में सरकार के स्वरूप को लेकर अभी कोई सहमति नहीं बन सकी है। पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और अब्दुल्ला अब्दुल्ला के साथ तालिबान के सरगनाओं की बातचीत चल रही है। इस बीच, तालिबान के एक शीर्ष सरगना ने कहा कि उन्हें 31 अगस्त का इंतजार है, जब अमेरिकी सेना पूरी तरह से वापस चली जाएगी। उसने कहा कि तालिबानी के वार्ताकार अनस हक्कानी ने अमेरिका को भरोसा दिलाया था कि वे 31 अगस्त तक कुछ नहीं करेंगे।