HOMEMADHYAPRADESH

दमोह में पूर्व मंत्री जयंत मलैया पर पार्टी की कार्रवाई की बाद सियासी पारा हाई

वरिष्ठ बीजेपी विधायक अजय विश्नोई ने ट्वीट कर सवाल उठाए है तो वही दूसरी तरफ दमोह में भाजपा संगठन में दो फाड़ दिखाए दे है।

दमोह । Damoh Byelection में बीजेपी (BJP) की करारी हार के बाद पूर्व मंत्री जयंत मलैया (Jayant Malaiya) पर पार्टी की कार्रवाई की बाद सियासी पारा हाई हो गया है। एक तरफ वरिष्ठ बीजेपी विधायक अजय विश्नोई ने ट्वीट कर सवाल उठाए है तो वही दूसरी तरफ दमोह में भाजपा संगठन में दो फाड़ दिखाए दे है। स्थानीय भाजपाईयों ने इस कार्रवाई का विरोध करना शुरु कर दिया है और राहुल लोधी (Rahul Lodhi) को ही हार का जिम्मेदार ठहराया है।

दरअसल, दमोह उपचुनाव में भाजपा को मिली करारी शिकस्त के बाद पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने पूर्व मंत्री जयंत मलैया और उनके बेटे सिद्धार्थ समेत 5 मंडल अध्यक्षों पर जो कार्यवाही की है, उसके बाद मामला पेंचीदा होता जा रहा है।  जिले के संगठन में दो फाड़ होने की स्थिति साफ नजर आने लगी है। एक तरफ जहां पार्टी के जिलाध्यक्ष ने चुप्पी साध रखी है, वहीं दूसरी तरफ अब जिले के महामंत्री ने प्रदेश नेतृत्व की कार्यवाही को गलत ठहराया है।

आज शनिवार को जिला महामंत्री रमन खत्री ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस करके एक-एक कर कई राज खोले है। खत्री के मुताबिक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आये राहुल लोधी को प्रत्याशी बनाये जाने के पहले पार्टी ने जितने भी सर्वे कराये उन तमाम सर्वे में राहुल को जनता ने नकार दिया था, बावजूद इसके शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें उम्मीदवार बनाया, जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा।

महामंत्री रमन खत्री ने पार्टी के निर्णय को आड़े हाथो लेते हुए कहा कि जब पूरा नेतृत्व चुनाव के समय दमोह में कैम्प किये हुए था, उस वक़्त नेतृत्व की नजर नेताओं-कार्यकर्ताओं पर क्यों नही गई? खत्री ने भीतरघात के आरोपो पर कहा है कि भीतरघात से हजार पांच सौ वोटो से चुनाव प्रभावित हो सकता है, लेकिन 17 हजार वोटों से नही हारा जा सकता। अपने शीर्ष नेतृत्व के निर्णय के बाद जिला महामंत्री रमन खत्री ने मांग की है कि मंडल अध्यक्षों के साथ सिद्धार्थ मलैया का निलंबन और पूर्व मंत्री जयंत मलैया को दिया गया नोटिस वापस लिया जाए।

Related Articles

Back to top button