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दुकानदार नहीं प्राचार्य बेचेंगे School Uniform, आदेश जारी
दुकानदार नहीं प्राचार्य बेचेंगे School Uniform, आदेश जारी। मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा अधिनियम, 1965 के तहत किसी भी सरकारी स्कूल का उपयोग व्यवसायिक गतिविधियों के लिए नहीं किया जा सकता।
हाल ही में मध्य प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टरों ने स्कूलों द्वारा यूनिफॉर्म और किताबों की प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष बिक्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है परंतु आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय ने लिखित आदेश दिया है कि सीएम राइज स्कूलों के सभी विद्यार्थियों को उनके द्वारा निर्धारित यूनिफार्म खरीदनी होगी और स्कूलों के प्राचार्य यूनिफॉर्म की बिक्री करके पैसों की वसूली करेंगे।
आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय का पत्र क्रमांक 341
श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव, आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय, मध्य प्रदेश, भोपाल के हस्ताक्षर से जारी पत्र क्रं. / सीएम राइज़ / स्थापना / 2023 / 341 दिनांक 9 मई 2023 में लिखा है कि, सीएम राइज विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिये गणवेश की डिजाइन राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान द्वारा तैयार किया गया है।
कक्षा 01 से कक्षा 08 तक अध्ययनरत विद्यार्थियों को गणवेश प्रदाय करने हेतु शासन द्वारा राशि प्रावधानित है किंतु कक्षा 09 से 12 तक विद्यार्थियों को गणवेश प्रदाय करने हेतु शासन द्वारा राशि का प्रावधान नहीं है। अतः गणवेश का मूल्य पालकों से लिया जाना है। यह राशि प्राचार्य द्वारा पालकों से ली जायेगी।
निविदा की प्राप्त न्यूनतम दरों के अनुसार कक्षा 09 से 12 तक अध्ययनरत बालिकाओं के लिये दो जोड़ी गणवेश हेतु मूल्य रूपये 1530/- एवं बालकों के लिये दो जोड़ी गणवेश हेतु मूल्य रूपये 1070/- है। निविदाकर्ता को गणवेश का भुगतान राज्यस्तर से विद्यालयों को जारी की जाने वाली स्कूलग्रांट से किया जावेगा। प्राचार्य पालकों से प्राप्त गणवेश के मूल्य की राशि स्कूल ग्रांट से होने वाले कार्यों हेतु व्यय कर सकेंगे इस संबंध में पालको को सूचित करें।
किसी नियम का उल्लंघन नहीं है: कमिश्नर डीपीआई
भोपाल समाचार डॉट कॉम ने जब श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव, आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय, मध्य प्रदेश, भोपाल से पूछा कि क्या उनके द्वारा लिखा गया पत्र क्रमांक सीएम राइज़ / स्थापना / 2023 / 341 दिनांक 9 मई 2023 किसी नियम का उल्लंघन कर रहा है, तो उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था किसी भी प्रकार के नियम का उल्लंघन नहीं है।
सही है या गलत, कौन निर्धारित करेगा
पत्र क्रं. / सीएम राइज़ / स्थापना / 2023 / 341 दिनांक 9 मई 2023 से स्पष्ट ध्वनि सुनाई देती है कि डीपीआई ने भोपाल में डील कर ली है। मध्य प्रदेश के तमाम सीएम राइज स्कूलों में जितने स्टूडेंट्स का एडमिशन होगा उतनी यूनिफॉर्म भेज दिए जाएंगे और उनके पैसे स्कूल की ग्रांट में से काट लिए जाएंगे। अब स्कूल का प्राचार्य जाने उसे यूनिफार्म कैसे बेचना है और कैसे वसूली करना है। सवाल यह है कि, इस प्रकार की व्यवस्था सही है या गलत, कौन निर्धारित करेगा। यदि यह व्यवस्था सही है तो फिर प्राइवेट स्कूलों में इस प्रैक्टिस को अपराध क्यों माना जाता है। स्कूलों को सील क्यों किया जाता है।