नामांतरण के लंबित मामलों पर नाराज शिवराज बोले: एक माह में हो जाना चाहिए
नामांतरण के लंबित मामलों पर नाराज शिवराज बोले: एक माह में हो जाना चाहिए
किसी भूमि पर यदि कोई विवाद नहीं है तो नामांतरण एक माह में हो जाना चाहिए। स्पष्ट प्रविधान होने के बाद भी यह लंबित क्यों हैं। यह सवाल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कलेक्टर-कमिश्नर, आइजी-पुलिस अधीक्षक कांफ्रेंस में कलेक्टरों से किया। उन्होंने छतरपुर और दतिया में नामांतरण के मामले लंबित होने पर कलेक्टरों के प्रति नाराजगी जताते हुए कहा कि मैं फिर कह रहा हूं कि इसे गंभीरता से लें। मैं सभी कलेक्टरों को चेता रहा हूं कि अविवादित नामांतरण के प्रकरण लंबित नहीं रहने चाहिए।
मध्यप्रदेश में सुशासन की स्थापना और आमजन के स्वास्थ्य को लेकर सरकार कृतसंकल्पित है। मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj ने आज विभिन्न विषयों पर मंत्रालय में कमिश्नर्स, कलेक्टर्स, पुलिस महानिरीक्षक व पुलिस अधीक्षक के साथ समीक्षा बैठक की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। pic.twitter.com/dfksol2No3
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) November 29, 2021
राजस्व प्रशासन को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सीधे आमजन से जुड़ा हुआ विषय है, इसके प्रति संजीदा रहें। अविवादित नामांतरण के प्रकरणों के निराकरण में अच्छा काम करने पर शहडोल, छिंदवाड़ा,रायसेन, अनूपपुर और विदिशा जिले को बधाई देते हुए बाकी जिलों को सुधार लाने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में निवाड़ी, दमोह, डिंडौरी, नरसिंहपुर और गुना का प्रदर्शन अच्छा रहा है तो आबादी भूमि का अधिकार देने में रीवा, बड़वानी, धार, रतलाम, बालाघाट, बैतूल, बुराहनपुर, सीहोर, अनूपपुर और शिवपुरी जिले में बेहतर काम किया है।
मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि आबादी भूमि की कमी होने पर कलेक्टर नवीन आबादी भूमि क्षेत्र घोषित करें। अभी तक तीन हजार 242 आवेदन प्राप्त हुए हैं। योजना के लिए जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।
मिलावटखोरों पर कार्रवाई न करने पर हुए नाराज
चिन्हित मिलावटखोरों पर कार्रवाई न करने को लेकर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि खानापूर्ति नहीं पुख्ता कार्रवाई होनी चाहिए। जब मेरे साफ निर्देश हैं तो फिर कड़ी कार्रवाई होनी ही चाहिए। उन्होंने इंदौर, मुरैना और देवास जिले में आपसी समन्वय बेहतर न होने पर भी नाराजगी जताई।
अवैध शराब की बिक्री नहीं होनी चाहिए
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि अवैध शराब की बिक्री नहीं होनी चाहिए। कार्रवाई करने में कोई कोताही न बरतें। इस दौरान बताया कि राघौगढ पुलिस ने 650 पेटी अंग्रेजी शराब (मूल्य करीब 65 लाख रुपये) जब्त कर आरोपित को गिरफ्तार किया। मंदसौर की दलौदा पुलिस ने तीन हजार 616 लीटर अवैध अंग्रेजी शराब (मूल्य 35 लाख रूपये), सीहोर के जावर थाने ने 160 पेटी अवैध शराब (मूल्य 16 लाख रुपये) और ग्वालियर के झांसी रोड़ थाना द्वारा एक हजार 208 लीटर (मूल्य 10 लाख रुपये) अवैध शराब जब्त की। सितंबर और अक्टूबर 2021 में अवैध शराब के 36 हजार 812 प्रकरण दर्ज करके 26 हजार 484 आरोपितों को गिरफ्तार किया। 45 वाहन जब्त किए।
नौ माह में 17 हजार 172 आरोपित गिरफ्तार
एक जनवरी से 31 अक्टूबर 2021 तक 17 हजार 172 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। इस अवधि में पहले के लंबित अपराधों में एक हजार 524, संगठित अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई में एक हजार 133 और तीन हजार 827 इनामी बदमाश गिरफ्तार किए गए। इसी अवधि में एक हजार 665 बालक और नौ हजार 603 बालिकाओं की बरामदगी हुई। इसके लिए इंदौर, भोपाल, धार, जबलपुर, सागर जिले की टीम को बधाई दी गई।
कलेक्टर-पुलिस अधीक्षक की ढिलाई से प्रभावित होती है छवि
मुख्यमंत्री ने कहा कि कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक अपने-अपने स्तर पर सरकार के प्रतिनिधि हैं। जिला स्तर पर दोनों अधिकारियों के अच्छे काम का बेहतर असर होता है पर जहां ढिलाई रहती है वहां उससे सरकार की छवि प्रभावित होती है।
रोजगार दिवस मनाया जाएगा
स्वामी विवेकानंद की जन्मतिथि 12 जनवरी को प्रदेश में मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के तहत रोजगार दिवस मनाया जाएगा। इसमें प्रकरण भी स्वीकृत किए जाएंगे। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाकर मध्य प्रदेश का परिदृश्य बदला जा सकता है। रोजगार और स्वरोजगार के मेला लगाने की योजना भी तैयार करें। रोजगार देने वाली सभी योजनाओं को एक प्लेटफार्म पर लाएं।
यह भी दिए निर्देश
– सूदखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।
– साइबर अपराध और सुरक्षा की भविष्य की कार्ययोजना को अमल में लाएं।
– राष्ट्रीय काउंटर ड्रोन नीति की तैयारी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशानुसार करें।
– अवैध रेत परिवहन और उत्खनन के प्रकरणों में कठोर कार्रवाई करें।
– चिटफंड कंपनियों, मिलावट, नकली खाद्यान्न् और नकली दुग्ध उत्पादों के दोषियों पर सख्ती के साथ पेश आएं।
– सीएम हेल्पलाइन, जनसुनवाई, मुख्यमंत्री के भ्रमण, जनदर्शन के आवेदनों का प्राथमिकता से निराकरण करें।
– जल जीवन मिशन के कामों में गुणवत्ता ठीक है या नहीं, यह देखें।
– खाद की कालाबाजारी करने वालों को जेल भेजें।
– फसलों के विविधीकरण पर ध्यान दें।
– ऊर्जा साक्षरता को अभियान बनाएं।
– स्वच्छता में मध्य प्रदेश को नवंबर वन बनाना है, इसके लिए काम करें।
– स्वामित्व योजना में हरदा जैसा काम सभी जिले करें।
– मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम योजना के क्रियान्वयन पर ध्यान दें।
– मुख्यमंत्री कोविड अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का तेजी के साथ निराकरण करें।
– रोजगार देने वाली सभी योजनाओं को एक प्लेटफार्म पर लेकर आएं।
– एक जिला-एक उत्पाद योजना का प्रगति प्रतिवेदन सीएमओ को भेजें।
-राजस्व प्रकरणों के निराकरण के आधार पर जिलों की श्रेणी बनाएं।