न्यूजीलैंड टीम ICC वर्ल्ड टेस्ट चैंपियन बन गई है। उसने साउथैम्पटन में खेले गए फाइनल में टीम इंडिया को 8 विकेट से शिकस्त दी। 91 साल के इतिहास में न्यूजीलैंड टीम ने पहली बार कोई ICC वर्ल्ड कप जीता है। कीवी टीम ने 10 जनवरी 1930 को अपना पहला मैच इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। तब से कोई वर्ल्ड कप नहीं जीत सकी थी। वहीं, ICC ने पहली बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप यानि टेस्ट का वर्ल्ड कप टूर्नामेंट शुरू किया।
साथ ही न्यूजीलैंड ने दूसरी बार किसी ICC टूर्नामेंट के फाइनल में भारतीय टीम को शिकस्त दी है। इससे पहले 2000 के चैंपियंस ट्रॉफी (वनडे फॉर्मेट) के फाइनल में 4 विकेट से हराया था।
टीम इंडिया ने दिया था 139 रन का टारगेट
बारिश के कारण करीब ढाई दिन का खेल धुलने के बाद रिजर्व डे में मैच का रिजल्ट निकला। मैच में टॉस हारकर भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 217 रन बनाए थे। जवाब में न्यूजीलैंड ने 249 रन बनाए। इसके बाद दूसरी पारी में टीम इंडिया 170 रन पर ऑलआउट हो गई और 139 रन का टारगेट सेट किया। न्यूजीलैंड ने 2 विकेट गंवाकर 140 बनाते हुए मैच अपने नाम कर लिया।
दूसरी पारी में न्यूजीलैंड के लिए कप्तान केन विलियम्सन ने 52 और रॉस टेलर ने 47 रन की नाबाद पारी खेली। विलियम्सन की यह टेस्ट करियर की 33वीं फिफ्टी है। ओपनर डेवॉन कॉनवे ने 19 और टॉम लाथम ने 9 रन बनाए। स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने 2 विकेट लिए।
न्यूजीलैंड की दूसरी पारी
- न्यूजीलैंड ने दूसरी पारी में सधी हुई शुरुआत की, लेकिन स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने इसे ज्यादा देर बरकरार नहीं रहने दिया।
- अश्विन ने 33 के स्कोर पर न्यूजीलैंड को पहला झटका दिया और ओपनर टॉम लाथम को 9 रन पर स्टंप आउट कराया।
- टीम 11 रन ही जोड़ सकी थी कि अश्विन ने दूसरा झटका भी दे दिया। उन्होंने डेवॉन कॉनवे को 19 रन पर LBW किया।
- कॉनवे ने पहली पारी में फिफ्टी लगाई थी। हालांकि, यहां से कप्तान केन विलियम्सन और रॉस टेलर ने पारी को संभाला।
- विलियम्सन ने कप्तानी पारी खेलते हुए टेलर के साथ 95 रन की नाबाद पार्टनरशिप की और टीम को चैंपियन बनाया।
रॉस टेलर को पुजारा ने जीवनदान दिया
दूसरी पारी के 31वें ओवर में न्यूजीलैंड के बल्लेबाज रॉस टेलर को जीवनदान मिला। तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की बॉल पर स्लिप में टेलर का आसान कैच चेतेश्वर पुजारा ने छोड़ा। इस समय टेलर 26 रन बनाकर खेल रहे थे।
अश्विन ने बनाया अनोखा रिकॉर्ड
अश्विन ने फाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ दोनों पारियों में पहला विकेट लिया। वे 2010 के बाद इंग्लैंड में ऐसा 2 बार करने वाले पहले गेंदबाज बन गए हैं। 2010 के बाद से अब तक इंग्लैंड में 3 बार स्पिनर्स ने दोनों पारियों में पहला विकेट लिया है।
मोइन अली ने 2015 में लॉर्ड्स में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दोनों पारियों में पहला विकेट लिया था। वहीं, अश्विन ने इस मैच से पहले 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन में दोनों पारियों में पहला विकेट लिया था।
भारत की लड़खड़ाती पारी को ऋषभ पंत ने संभाला
- रिजर्व डे में भारत ने दूसरी पारी में 2 विकेट पर 64 रन से आगे खेलना शुरू किया था। कप्तान विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा नाबाद थे।
- दोनों दिग्गज 7 रन ही जोड़ सके थे कि टीम ने तीसरा विकेट गंवा दिया। काइल जेमिसन ने मैच में दूसरी बार कोहली को शिकार बनाया।
- कोहली 13 रन बनाकर विकेटकीपर बीजे वाटलिंग के हाथों कैच आउट हुए। जेमिसन ने ही 72 के स्कोर पर भारत को चौथा झटका दिया।
- उन्होंने चेतेश्वर पुजारा को 15 रन पर विकेटकीपर के हाथों कैच आउट कराया। 109 के स्कोर पर भारत की आधी टीम पवेलियन लौट गई।
- 5वें विकेट को रूप में अजिंक्य रहाणे 15 रन बनाकर आउट हुए। उन्हें ट्रेंट बोल्ट ने विकेटकीपर के हाथों कैच आउट कराया।
- रहाणे ने ऋषभ पंत के साथ चौथे विकेट के लिए 37 रन जोड़े थे। हालांकि, पंत एक छोर पर डटे रहे और टीम की लीड 100 रन के पार पहुंचाई।
- 142 के स्कोर पर भारत का छठा विकेट गिरा। इस बार नील वैगनर ने रवींद्र जडेजा को 16 रन पर विकेटकीपर के हाथों कैच आउट कराया।
- दूसरा छोर संभालकर खेल रहे पंत ने जडेजा के साथ मिलकर 33 रन जोड़े थे। यहां से पंत भी ज्यादा देर नहीं टिक सके और पवेलियन लौट गए।
- 156 के स्कोर पर 7वां झटका लगा। ऋषभ पंत 41 रन पर हेनरी निकोल्स के हाथों के कैच आउट हुए। ट्रेंट बोल्ट ने उन्हें अपना दूसरा शिकार बनाया।
- बोल्ट ने इसी ओवर में रविचंद्रन अश्विन को पवेलियन भेजकर भारत को 8वां झटका दिया। इस समय भारतीय टीम ने 124 रन की लीड बनाई हुई थी।