लुधियाना जिला अदालत (Ludhiana District Court) के अंदर गुरुवार को हुए विस्फोट में मारे गए व्यक्ति की पहचान पूर्व पुलिस अधिकारी गगनदीप सिंह के रूप में हुई है. गगनदीप सिंह को 2019 में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था और उसने दो साल जेल में बिताए. गगनदीप सिंह को सितंबर के महीने में जेल से रिहा किया गया था. मामले से जुड़े लोगों ने कहा कि गगनदीप सिंह के लिंक ड्रग्स नेटवकर्क से थे.
गुरुवार को जिला अदालत परिसर की दूसरी मंजिल पर शौचालय के पास बम विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए. घटना के बाद सभी राजनीतिक नेता लुधियाना पहुंच गए. विस्फोट ने राज्य सरकार के सामने एक गंभीर सुरक्षा चुनौती पेश कर दी है. शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस को संदेह था कि विस्फोट में मारे गए व्यक्ति का इससे कोई लेना-देना है. पुलिस ने पहले कहा था कि या तो वो विस्फोटक उपकरण ले जा रहा था या इकट्ठा करने की कोशिश कर रहा था.
केंद्रीय गृह सचिव ने शुक्रवार को देश में सुरक्षा स्थिति पर की उच्च स्तरीय बैठक
विस्फोट के बाद केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने शुक्रवार को देश में सुरक्षा स्थिति पर एक उच्च स्तरीय बैठक की. गृह मंत्रालय में करीब एक घंटे तक चली बैठक में खुफिया ब्यूरो के निदेशक अरविंद कुमार, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के प्रमुख कुलदीप सिंह और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक पंकज सिंह मौजूद थे. बैठक में एनआईए और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे. (Ludhiana blast victim identified former police officer Gagandeep Singh had links with drugs network)
केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को लुधियाना जिला अदालत का दौरा किया और कहा कि उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य लुधियाना के साथ-साथ पंजाब के लोगों को आश्वस्त करना था कि राज्य सरकार के साथ समन्वित प्रयास शुरू करके इस घटना की पूरी जांच की जाएगी. वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार ने लुधियाना जिला अदालत परिसर में हुए बम विस्फोट मामले की जांच कर उसके कारणों का पता लगाने के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी है.