पुलिस ने जप्त किये रेमडिसिवर इंजेक्शन, ऐसे हो गए बर्बाद, DM ने जताई नाराजगी, जनिये पूरा मामला
इन इंजेक्शन को संरक्षित करने कम्पनी ने निर्धारित तापमान समबन्धी निर्देश जारी किये हैं इसे 2 डिग्री से 8 डिग्री तापमान पर रखा जाता है, लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया।
रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) की कालाबाजारी (Black marketing) करने वालों के खिलाफ की गई पुलिस (Police) की कार्रवाई पर कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी (Collector And DM) ने सवाल उठाये हैं। एक आरटीआई एक्टिविस्ट की शिकायत के बाद ग्वालियर कलेक्टर ने एसपी को मामले की जाँच के निर्देश दिए हैं
कोरोना मरीजों के इलाज में जीवनरक्षक कहे जा रहे रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) की मांग बढ़ने के साथ ही इसकी कालाबाजारी भी हो रही है। सरकार के निर्देश पर पुलिस कालाबाजारियों की धरपकड़ कर रही है। ग्वालियर में भी पुलिस रेमडेसिवीर (Remdesivir Injection) की कालाबाजारी में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और इनके कब्जे से रेमडेसिवीर इंजेक्शन बरामद कर रही है। लेकिन अब पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं।
ग्वालियर के आरटीआई एक्टिविस्ट एवं व्यापम घोटाले के विसिल ब्लोअर आशीष चतुर्वेदी (RTI Activist Ashish Chaturvedi) ने कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह (Collector Kaushalendra Vikram Singh) को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई कि पिछले दिनों ग्वालियर में पुलिस ने एक्शन लेते हुए कुछ लोगों को रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) के साथ पकड़ा था। आशीष चतुर्वेदी ने बरामद किये गए जीवनरक्षक रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) के संरक्षित किये जाने पर एतराज जताया है।
आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी ने कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह (Collector Kaushalendra Vikram Singh)को लिखे पत्र में दो कार्रवाई का उल्लेख करते हुए लिखा कि दिनांक 8 मई 2021 को एसटीएफ इकाई ग्वालियर द्वारा 5 रेमडेसिवीर इंजेक्शन जब्त किये गए थे और इन्हें मीडिया के सामने प्रदर्शित करते हुए प्लास्टिक के डिब्बे में पैक दिखाया था। जबकि उक्त जब्त इंजेक्शन HETERO कंपनी के COVIFOR ब्रांड के लिक्विड फॉर्म में थे। इन इंजेक्शन को संरक्षित करने कम्पनी ने निर्धारित तापमान समबन्धी निर्देश जारी किये हैं इसे 2 डिग्री से 8 डिग्री तापमान पर रखा जाता है, लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया।
एक अन्य प्रकरण में ग्वालियर क्राइम ब्रांच द्वारा जब्त किये गए रेमडेसिवीर इंजेक्शन को मालखाने में जमा करा दिया। आशीष चतुर्वेदी ने कहा कि जानकारी के अभाव में पुलिसकर्मियों द्वारा जब्त रेमडेसिवीर इंजेक्शन मरीजों के उपयोग में ना ते हुए अमानक हो रहे हैं यानि बर्बाद हो रहे हैं। आशीष ने सुझाव दिया कि मरीज को दिए जाने वाले रेमडेसिवीर इंजेक्शन का बैच नंबर मरीज की केस फ़ाइल पर लिखा जाये जिससे भविष्य में यदि जाँच करना हो तो पता चल सकेगा कि मरीज को दिय गया इंजेक्शन किस बैच का था इससे उसके नकली और असली होने का आसानी से पता भी चल सकेगा।
आशीष चतुर्वेदी के पत्र के बाद कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी कौशलेन्द्र विक्रम सिंह (Collector and DM Kaushalendra Vikram Singh)ने एसपी अमित सांघी (SP Amit Sanghi) को एक पत्र जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि क्राइम ब्रांच और एसटीएफ द्वारा जब्त किये गए जीवनरक्षक रेमडेसिवीर इंजेक्शन के लिए अपने गई प्रक्रिया के कारण इंजेक्शन ख़राब हो गए इसलिए इस सम्बन्ध में आवश्यक जाँच कराकर कार्रवाई सम्बंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश प्रसारित करना सुनिश्चित करें।
इसके अलावा कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह (Collector Kaushalendra Vikram Singh) के निर्देश पर उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने एक आदेश सेंटर, अस्पताल संचालक, मेडिकल स्टोर को जारी किया है जिसमें कहा गया है कि प्रदेश में नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन कीसप्लाई की बात सामने आई है , ग्वालियर में भी इससे इंकार नहीं किया जा सकता इसलिए आप सबको ये आदेश दिया जाता है कि मरीज के लिए रेमडेसिवीर इंजेक्शन देते समय उसका बैच नंबर , ब्रांड नेम मरीज की जानकारी केस फाइल और बिल में अवश्य दर्ज करें। ऐसा नहीं करने पर विधि अनुसार कार्रवाई की जाएगी।