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हे भगवान… पड़ोसियों ने कंधा नहीं दिया तो साइकिल पर ले जाने लगा पत्नी का शव, पुलिस ने दिखाई मानवता

कोरोना काल में जहां एक तरफ अपने भी पराए हो जा रहे हैं, शव को कंधा देने के लिए पड़ोसी-रिश्तेदार भी आगे नहीं आ रहे। ऐसे समय मे जौनपुर की पुलिस ने इंसानियत की मिसाल पेश की है। कोरोना से मृत पत्नी के अंतिम संस्कार में सहयोग के लिए गांव से चार कंधे नहीं मिले तो पति साइकिल पर ही शव रखकर नदी किनारे चल पड़ा।

कोरोना काल में जहां एक तरफ अपने भी पराए हो जा रहे हैं, शव को कंधा देने के लिए पड़ोसी-रिश्तेदार भी आगे नहीं आ रहे। ऐसे समय मे जौनपुर की पुलिस ने इंसानियत की मिसाल पेश की है। कोरोना से मृत पत्नी के अंतिम संस्कार में सहयोग के लिए गांव से चार कंधे नहीं मिले तो पति साइकिल पर ही शव रखकर नदी किनारे चल पड़ा। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने न सिर्फ कंधा दिया, बल्कि अंतिम संस्कार के लिए सामान और शव घाट तक पहुंचाने के लिए वाहन भी उपलब्ध कराया। मामला मड़ियाहूं कोतवाली क्षेत्र के अम्बरपुर गांव का है।

गांव निवासी तिलकधारी सिंह की पत्नी राजकुमारी (56) ने जिला अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। एंबुलेंस से शव लेकर तिलकधारी गांव पहुंचे। अंतिम संस्कार के लिए शव घाट तक ले जाने में पड़ोसियों का सहयोग मांगा, लेकिन कोरोना से मौत बताकर कोई भी आगे नहीं आया। हालात के आगे बेबस तिलकधारी को और कोई उपाय नहीं दिखा तो पत्नी के शव को अपनी साइकिल पर रखकर अकेले ही अंतिम संस्कार करने की ठान ली।
वह साइकिल पर शव लेकर गांव में नदी के किनारे पहुंचे। दाह संस्कार करने के लिए अभी चिता भी नहीं लगा पाए थे कि गांव के लोगों ने शव जलाने से मना कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौके पर जाकर तिलकधारी सिंह की सहायता की। शव के लिए टिकठी बनवाई, उसे कंधा दिलाया और फिर वाहन की व्यवस्था कर शव को रामघाट तक भेजवाया।

अंतिम संस्कार के लिए पैसे भी मुहैया कराया। इस संबंध में सीओ मड़ियाहूं संत कुमार ने बताया कि घटना की सूचना पर पुलिस पहुंच गई थी। पुलिस ने तिलकधारी सिंह की सहायता की। शव के लिए गाड़ी का इंतजाम भी कराया गया। इसके अलावा अंतिम क्रिया के लिए शव को जौनपुर के रामघाट पर भेजवाया गया। पुलिसकर्मियों का प्रयास सराहनीय है।

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