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बगावत से घबराई कांग्रेस ने 46 विधायकों को बेंगलुरु भेजा
अहमदाबाद। दो दिन में गुजरात के छह पार्टी विधायकों द्वारा इस्तीफे देने से घबराई कांग्रेस ने शुक्रवार रात अपने 46 विधायकों को बेंगलुरु में सुरक्षित ठिकाने पर भेज दिया। आठ अगस्त को होने वाले गुजरात में राज्यसभा चुनाव को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
पार्टी ने भाजपा पर डरा, धमका कर व लालच देकर इस्तीफे दिलाने का आरोप लगाया है। कर्नाटक में चूंकि कांग्रेस की सरकार है, इसलिए पार्टी ने बेंगलुरु को अपने विधायकों के लिए सबसे सुरक्षित माना है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि हमारे विधायकों को लालच दिया जा रहा था।
इससे पहले दिन में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने चुनाव आयोग से मांग की थी कि वह कांग्रेस विधायकों को धन व बाहुबल से छीनने को लेकर भाजपा के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज करे। अहमद पटेल की जीत में खतरे मेंशुक्रवार को तीन और विधायकों ने पार्टी और विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया। इस तरह पिछले दो दिनों में कांग्रेस छोड़ने वाले विधायकों की संख्या छह हो गई है।
इसके अलावा एक दर्जन और विधायक पार्टी छोड़ने की तैयारी में हैं। इसके साथ ही 182 सदस्यीय गुजरात विस में कांग्रेस की सदस्य संख्या 57 से घटकर 51 हो गई है। ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल की जीत खतरे में पड़ गई है। कांग्रेस ने रास के लिए उन्हें फिर मैदान में उतारा है।
वाघेला समर्थकों से दिलवा रहे इस्तीफे
प्रदेश कांग्रेस में बढ़ते असंतोष का फायदा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह बखूबी उठा रहे हैं। राज्यसभा चुनाव में उनकी और स्मृति ईरानी की जीत तय है। अब वे अपने तीसरे उम्मीदवार बलवंतसिंह राजपूत की जीत सुनिश्चित करने में जुटे हैं। गुजरात विधानसभा में भाजपा के 121 सदस्य हैं। मौजूदा हालात में दोनों उम्मीदवारों की जीत के लिए जरूरी मतों के बाद 33 मत भाजपा के पास अतिरिक्त हैं। इन मतों के बूते राजपूत का चुनाव जीतना संभव नहीं है। इसीलिए भाजपा कांग्रेस छोड़ चुके वरिष्ठ नेता शंकरसिंह वाघेला के समर्थक विधायकों से त्यागपत्र दिलवा रही है।
शाह, ईरानी और राजपूत ने रास चुनाव के लिए भरा पर्चाभाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और एक दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुए बलवंतसिंह राजपूत ने शुक्रवार को राज्यसभा चुनाव के लिए अपना पर्चा भर दिया। शाह और ईरानी की उम्मीदवारी का फैसला भाजपा ने पहले ही कर लिया था। राजपूत को टिकट देने का एलान शुक्रवार को उनके कांग्रेस और विधानसभा से त्यागपत्र देने के बाद किया गया। उनको कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के खिलाफ मैदान में उतारा गया है।