MADHYAPRADESH
मध्यप्रदेश में 3 साल से ज्यादा पदस्थ तहसीलदारों के तबादले से इंकार
मध्यप्रदेश में 3 साल से ज्यादा पदस्थ तहसीलदारों के तबादले से इंकार
भोपाल। मध्यप्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है परंतु राजस्व विभाग द्वारा तहसीलदारों के तबादले नहीं किए गए। पंचायत चुनाव ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित होते हैं बावजूद इसके मनीष रस्तोगी आईएएस एवं प्रमुख सचिव राजस्व विभाग ने मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि तहसीलदारों के तबादले आवश्यक नहीं होने चाहिए।
मध्यप्रदेश में 3 साल से ज्यादा पदस्थ तहसीलदारों की तबादले से इंकार क्यों
मनीष रस्तोगी आईएएस एवं प्रमुख सचिव राजस्व विभाग ने मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि यदि पत्र दिनांक 26 अक्टूबर 2021 का पालन किया गया तो मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में पदस्थ 40% (320 से भी ज्यादा) तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार प्रभावित होंगे। अत्यधिक संख्या में ट्रांसफर होने के कारण जिलों के स्थानीय प्रशासन में अव्यवस्था होगी।
प्रमुख सचिव ने दलील दी है कि स्थानीय पंचायत के निर्वाचन दलीय आधार पर नहीं होते एवं स्थानीय नगरीय निकायों के चुनाव में आचार संहिता सिर्फ नगरीय निकाय तक ही सीमित रहती है। तहसीलदारों-नायब तहसीलदारों का जिले के बाहर स्थानांतरण किया जाना आवश्यक नहीं होना चाहिए।
तहसीलदार पंचायत चुनाव प्रभावित कर सकता है या नहीं
इस मामले में बड़ा प्रश्न यह है कि तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत चुनाव को प्रभावित कर सकता है अथवा नहीं। यदि व्यवहारिक दृष्टि से देखा जाए तो राजस्व क्षेत्र तहसीलदार के अधिकार में होता है। उसकी पहुंच और पकड़ प्रत्येक ग्राम तक होती है। किसी भी गांव का प्रभावशाली व्यक्ति अथवा पंचायत चुनाव में संभावित उम्मीदवारों के साथ तहसीलदारों के व्यक्तिगत संबंध हो सकते हैं।
3 साल से तबादले क्यों नहीं किए, किसने रोका था
सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब सभी विभागों में तबादले हो गए तो फिर पिछले 3 साल या इससे अधिक समय से राजस्व विभाग में तहसीलदारों के तबादले क्यों नहीं किए गए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसी साल तबादलों के लिए स्वतंत्रता प्रदान की थी। कहीं ऐसा तो नहीं कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को प्रभावित करने की रणनीति पहले से ही बना ली गई थी। प्रमुख सचिव का पत्र इसी रणनीति का हिस्सा है