HOMEMADHYAPRADESH

मप्र में शुरू हुई मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुआहट, चेहरे कई, जगह सीमित

भोपाल। मध्यप्रदेश में ढाई साल बाद विधानसभा चुनाव आने वाले हैं। इससे पहले नगरीय निकाय एवं त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत चुनाव होने हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर मंत्रिमंडल विस्तार के लिए दबाव बनने लगा है। कुल 35 में से 31 पद भरे हुए हैं, 4 पद रिक्त हैं, लेकिन इन 4 पदों पर दावेदारों की संख्या बहुत ज्यादा है। यही कारण है कि विस्तार को लगातार टाला जा रहा है।

 

दरअसल विधानसभा उपचुनाव के दौरान मंत्री पद पर रहते हुए इमरती देवी, गिर्राज डंडौतिया और एंदल सिंह कंसाना हार गए और एक पद पहले से रिक्त था। इस प्रकार कुल 4 पद रिक्त हो गए हैं। इन 4 पदों के लिए सीताशरण शर्मा, राजेंद्र शुक्ला, गौरीशंकर बिसेन, रामेश्वर शर्मा, रामपाल सिंह, सुरेंद्र पटवा, करण सिंह वर्मा, पारस जैन और महेंद्र हार्डिया जैसे कद्दावर विधायक दावेदारी कर रहे हैं। इनमें से 4 का चुनाव करना है यानी शेष पांच को नाराज करना होगा। उन्हें कहीं ना कहीं एडजस्ट करना पड़ेगा।

 

सिंधिया के कारण सरकार तो बनी लेकिन संतुलन बिगड़ गया

 

ज्योतिराज सिंधिया के कांग्रेस पार्टी से भारतीय जनता पार्टी में आने के कारण मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार तो बन गई लेकिन पार्टी के अंदर संतुलन बिगड़ गया है। भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व चाहता है कि पार्टी में सिंधिया की तुष्टीकरण का संदेश नहीं जाना चाहिए। ज्योतिरादित्य सिंधिया चाहते हैं कि डबरा से इमरती देवी, दिमनी से गिर्राज डंडौतिया, ग्वालियर पूर्व से मुन्नालाल गोयल, गोहद से रणवीर जाटव, करैरा से जसवंत जाटव और मुरैना से रघुराज सिंह कंषाना को सरकार में किसी न किसी प्रकार से शामिल करके उनका सम्मान बनाए रखा जाए।

Related Articles

Back to top button