पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई बड़े फैसले लिए गये हैं। सरकार ने टेलीकॉम सेक्टर (Telecom Sector) के लिए राहत पैकेज मंजूर कर दी है। साथ ही, ऑटो और ऑटो कंपोनेंट सेक्टर के लिए भी PLI Scheme को मंजूरी दे दी गई है। ऑटो उद्योग, ऑटो कंपोनेंट और ड्रोन इंडस्ट्री के लिए PLI स्कीम के लिए सरकार ने 26,058 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इससे एडवांस ऑटोमोबाइल सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा और 7 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। सरकार का लक्ष्य जीडीपी में ऑटो क्षेत्र की हिस्सेदारी 12 फीसदी तक बढ़ाने का है, जो अभी 7.1 फीसदी है। केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने इस बारे में जानकारी साझा की।
अर्थव्यवस्था में ऑटो क्षेत्र के योगदान को बढ़ाने के लिए स्थानीय बाजार के लिए PLI स्कीम को लाया गया है। मेक इन इंडिया के तहत ऑटो कंपोनेंट देश में ही बनाए जा सकेंगे। अनुराग ठाकुर ने बताया कि चयनित चैंपियन ऑटो कंपनियों को कम से कम 2 हजार करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। वहीं, नए निवेशकों को 500 करोड़ रुपये का निवेश करना जरूरी है। इससे भारत ग्लोबल प्लेयर बन सकेगा और जो कंपोनेंट विदेशों से आयात होते हैं, उन्हें भारत में ही बनाया जा सकेगा।
Today the cabinet has decided to allow 100% FDI (Foreign Direct Investment) through automatic route in the telecom sector. All safeguards will be applicable: Ashwini Vaishnaw, Minister for Communications pic.twitter.com/0W7knYZ1Tn
— ANI (@ANI) September 15, 2021
टेलीकॉम कंपनियों को राहत देने के लिए भी पैकेज की घोषणा की गई है। टेलीकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव के मुताबिक टेलिकॉम सेक्टर में 9 बड़े स्ट्रक्चरल रिफॉर्म हुए हैं। दूरसंचार के क्षेत्र में 100 फीसदी FDI को मंजूरी दी गई है। वहीं समायोजित सकल राजस्व (AGR) बकाये की परिभाषा में बदलाव किया जाएगा। एजीआर से जूझ रहे टेलीकॉम सेक्टर के लिए ये बड़ी खबर है। टेलीकॉम कंपनियों को मंथली इंटरेस्ट रेट को अब एनुअल कर दिया गया है। इसके अलावा पेनल्टी पर भी राहत दी गई है। स्पेक्ट्रम की अवधि भी अब 20 साल से बढ़ा कर 30 साल कर दिया गया है