कोरोना की दूसरी लहर के बीच केंद्र सरकार ने बहुत बड़ा फैसला किया है. सरकार ने निर्णय लिया है कि केंद्र के अलग-अलग मंत्रालयों में ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों को पूरी सैलरी दी जाएगी. सैलरी देने में यह नहीं देखा जाएगा कि लॉकडाउन में कितने दिनों तक काम हुआ या कर्मचारी ऑफिस आए या नहीं. यह पूरी सैलरी 1 अप्रैल से 30 जून तक जोड़ कर दी जाएगी. लॉकडाउन के चलते ठेके के कर्मचारियों (contractual employee) को घर पर रहना पड़ा है. ऐसे लोगों की हाजिरी नहीं बन पाई है. लेकिन सरकार इन्हें पूरी सैलरी देगी.
केंद्र सरकार के एक ऑर्डर के मुताबिक, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जो कर्मचारी लॉकडाउन के दरमियान घर पर रहे, काम पर नहीं आ सके, सरकार उन्हें ‘ऑन ड्यूटी’ मान कर चलेगी.
सरकार की तरफ से इसका निर्देश सभी मंत्रालयों को जारी कर दिया गया है. मंगलवार को इसी से जुड़ा एक पत्र सरकार ने सभी राज्यों को भेजा है जिसमें अधिकारियों की कमी का जिक्र किया गया है. राज्यों से कहा गया है कि वे डिप्टी सेक्रेटरी, डायरेक्टर और जॉइंट सेक्रेटरी स्तर के अधिकारियों के नाम सुझाएं ताकि सेंट्रल डिप्यूटेशन पर बहाली की जा सके. पत्र में कहा गया है कि ऐसे अधिकारियों के नाम न सुझाए जाएं जिकना प्रमोशन होने वाला है. ऐसे अधिकारियों को बाद में जल्दी ही स्टेट कैडर में भेजना पड़ जाएगा.
केंद्र ने राज्यों से मांगे अधिकारी
मिनिस्ट्री ऑफ पर्सनल की ओर से राज्यों को भेजी गई चिट्ठी में लिखा गया है, राज्यों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सेंट्रल डिप्यूटेशन के लिए उन अधिकारियों के ही नाम भेजें जो फुल टर्म तक अपना काम देख सकें. केंद्र सरकार के अलग-अलग विभागों में डिप्टी सेक्रेटरी या डायरेक्टर स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है जो सेंट्रल स्टाफिंग स्कीम (ccs) के तहत आते हैं. इन अधिकारियों को केंद्र सरका के मंत्रालयों और विभागों का काम देखना होता है. केंद्र सरकार इन अधिकारियों को राज्यों से मांगती है. इसके लिए नियम के तहत नामों की लिस्ट मांगी जाती है. बाद में इसे फाइनल करने के बाद अधिकारियों को डिप्यूट किया जाता है.
डीए में 4 परसेंट की वृद्धि
इसी तरह केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के डीए का ऐलान कर चुकी है. कोरोना के चलते यह रुकी थी और इसमें कोई बढ़ोतरी भी नहीं हो पा रही थी. अब यह रोक हट गई है. जुलाई से केंद्रीय कर्मचारियों को जोड़ कर डीए मिलेगा. तीन किस्त का पैसा एक साथ मिलेगा. इसी के साथ डीए में 4 परसेंट की वृद्धि हो सकती है. एक हालिया निर्णय के मुताबिक, सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को 105 रुपये प्रति महीने से बढ़ाकर 210 रुपये कर दिया है. यह लगभग 50 परसेंट की बढ़ोतरी है जो कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान की गई है. महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी को कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए रोका गया था. अब इसे हरी झंडी मिल गई है. संभवत: जुलाई महीने की तनख्वाह के साथ यह जोड़ कर मिलना शुरू हो जाएगा.
महंगाई भत्ता भी मिलेगा
केंद्र सरकार पहले से रुके महंगाई भत्ते के किस्तों को एकसाथ जोड़ कर देगी. इस किस्त में 1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 के भत्ते शामिल होंगे. पुराने भत्ते में सुधार कर नए भत्ते को 1 जुलाई 2021 से लागू किया जाना है. केंद्र सरकार के कर्मचारी अभी 17 परसेंट के हिसाब से महंगाई भत्ता (DA hike) पाते हैं. डीए की यह दर जुलाई 2019 से लागू है. इसमें जनवरी 2020 के बाद से बदलाव होना बाकी है. कोरोना महामारी के प्रकोप के देखते हुए भत्ते में वृद्धि रोक दी गई थी. कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार ने बढ़ी हुई दर पर डीए (DA) और पेंशनर के लिए डीआर पर रोक लगा दी थी. सरकार ने डीए में बढ़ोतरी को लगभग डेढ़ साल तक रोक कर रखा जिससे 37,530 करोड़ रुपये की बचत हुई है.