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विधानसभा की कार्रवाई को बकवास कहकर कमलनाथ ने लोकतंत्र और विधानसभा का अपमान किया है : विष्णुदत्त शर्मा

प्रदेश अध्यक्ष ने लिखा विधानसभा अध्यक्ष को पत्र, कमलनाथ पर हो कठोर कार्रवाई

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा है कि प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने विधानसभा की कार्यवाही को बकवास कहकर सिर्फ विधानसभा का ही अपमान नहीं किया है, बल्कि उन्होंने पूरी लोकतांत्रिक व्यवस्था को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का यह बयान बेहद निंदनीय है एवं इस बयान पर उन्हें मध्यप्रदेश के साथ संपूर्ण देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि विधानसभा, लोकसभा में जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधि जनता का प्रतिनिधित्व करने के लिए जाते हैं और जनता से जुड़े हुए मुद्दों को उठाते हैं। विधानसभा और लोकसभा से ही जनता से जुड़ी हुई योजनाओं को अमलीजामा पहनाया जाता है। यहीं से ही योजनाओं पर नीति निर्धारित की जाती हैं। प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा ने कहा कि क्या पीसीसी चीफ कमलनाथ भी इतने वर्षों से लोकसभा में बकवास कर रहे थे? क्या वे पिछले 3 वर्षों से मध्यप्रदेश की विधानसभा में भी बकवास कर रहे हैं? यदि कमलनाथ विधानसभा की कार्यवाही को बकवास मानते हैं तो उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफा देकर राजनीति से भी सन्यास ले लेना चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा ने कहा कि विधानसभा की अपनी एक व्यवस्था होती है। नियम-कानून होते हैं। मर्यादा होती है और विधानसभा की कार्यवाही नियम-कानून, मर्यादा के तहत ही होती है। ऐसे में विधानसभा की कार्यवाही को बकवास कहकर कमलनाथ जी ने संपूर्ण विधानसभा की व्यवस्था को ही तार-तार कर दिया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सीनियर नेता हैं, जिनको राजनीति का लंबा अनुभव है। उनके द्वारा इस तरह की बयानबाज़ी दूसरे नेताओं को भी अमर्यादित आचरण की प्रेरणा देगी, जो उचित नहीं है। सदन के अंदर प्रत्येक सदस्य को संविधान एवं विधानसभा की प्रक्रिया और आचरण का पालन करना अनिवार्य होता है। ऐसा नहीं करने पर किसी भी सदस्य को सदन का सदस्य होने का अधिकार नहीं है।

श्री शर्मा ने कहा कि कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष होने के साथ में नेता प्रतिपक्ष भी है और उनके द्वारा विधानसभा पर की गई अभद्र टिप्पणी दल के प्रमुख होने एवं उनकी सोच को दर्शाती है। श्री शर्मा ने कहा कि मैं ऐसा मानता हूं कि विधानसभा या लोकसभा में यदि एक शब्द भी असंसदीय होता है, संसद की मर्यादा के खिलाफ होता है तो माननीय लोकसभा अध्यक्ष, माननीय विधानसभा अध्यक्ष उस शब्द को कार्यवाही से विलोपित कर देते हैं। सदन में उस सदस्य के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान भी होता है, लेकिन संपूर्ण संसदीय प्रक्रिया को बकवास कहना संसदीय लोकतांत्रिक परंपरा औऱ मर्यादा का उल्लंघन है। विधानसभा में अनुच्छेद 194 संसदीय प्रक्रिया के तहत कदाचरण के नियम हैं। आचरण के नियम 264, 265 के तहत मैंने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है। इस मामले में पीसीसी चीफ एवं नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ अनुच्छेद 190 व 191 के तहत भी कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो।

 

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