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संगठन की गाड़ी पटरी पर लाने कांग्रेस की कसरत, जानें किसे हटाया
नई दिल्ली। संगठन की गाड़ी पटरी पर लाने की कसरत के तहत कांग्रेस हाईकमान ने मध्य प्रदेश के प्रभारी महासचिव मोहन प्रकाश को हटा दिया है।
वहीं अब तक पार्टी के राष्ट्रीय सचिव दीपक बाबरिया को महासचिव पद पर प्रमोशन देते हुए मध्य प्रदेश का जिम्मा सौंप दिया है।
पार्टी संगठन में किस्तों में हो रहे बदलाव के क्रम में शोभा ओझा को हटाकर लोकसभा सांसद सुष्मिता देव को महिला कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाया गया है।
मध्य प्रदेश के अगले चुनाव के लिहाज से प्रभारी महासचिव पद से मोहन प्रकाश को हटाया जाना कांग्रेस की अंदरूनी सियासत के लिए मायने रखता है।
खासकर यह देखते हुए कि कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे पार्टी दिग्गजों के साथ मोहन प्रकाश के समीकरण नहीं बन पाए। प्रभारी के रूप में उनका पूरा झुकाव प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव की ओर था।
गुटीय खेमों में बंटी मध्य प्रदेश कांग्रेस के अलग-अलग गुटों के नेता और क्षत्रप इसको लेकर हाईकमान से उनकी बार-बार शिकायत भी करते रहे थे।
प्रकाश के अलावा मध्य प्रदेश के प्रभारी सचिव राकेश कालिया को भी हटा दिया गया है। पार्टी महासचिव जर्नादन द्विवेदी ने बयान जारी कर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से इन बदलावों को अंजाम दिए जाने की जानकारी दी।
मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय प्रभारी के बदलाव के साथ ही अब यह तय माना जा रहा कि प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव की भी जल्द ही छुट्टी होगी। सूबे के अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा और शिवराज सिंह चौहान को कड़ी टक्कर देने के लिए कांग्रेस नेतृत्व किसी बड़े चेहरे को मैदान में उतारने पर गंभीर है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता कमलनाथ और युवा चेहरे के तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया इस लिहाज से कांग्रेस के चेहरे के प्रबल दावेदारों में शामिल हैं।
जाहिर तौर पर गुजरात से ताल्लुक रखने वाले नए महासचिव दीपक बाबरिया को सूबे की चुनावी चुनौतियों के साथ इन दोनों के साथ दिग्विजय सिंह जैसे दिग्गज से कदम मिलाकर चलने की चुनौती भी होगी।
बाबरिया के लिए इसमें राहत की बात यह है कि वह कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल के भी निकट माने जाते हैं।
बाबरिया के साथ जुबेर खान और संजय कपूर की मध्य प्रदेश के प्रभारी सचिव के रूप में नियुक्ति की गई है। महिला कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में सुष्मिता देव की नियुक्ति संसद से लेकर सड़क तक उनकी जुझारू सियासत को देखते हुए की गई है।
सुष्मिता पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता की जिम्मेदारी भी निभा रही थीं। लोकसभा और संगठन में मुखर होने की वजह से ही राहुल गांधी की युवा टीम में भी उन्होंने अपनी जगह बनाई है।