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सिंधिया और दिग्विजय की क्लोज डोर मीटिंग के बाद समाप्त होगा कांग्रेस में शीत युद्ध?

सिंधिया और दिग्विजय की क्लोज डोर मीटिंग के बाद समाप्त होगा कांग्रेस में शीत युद्ध?


भोपाल। कमलनाथ के बयान के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर समर्थकों का दबाव बढ़ता जा रहा है। सिंधिया समर्थकों का कहना है कि इस तरह अपमान का घूंट पीकर सत्ता या संगठन में रहना उचित नहीं है। स्वाभिमान की रक्षा के लिए कड़ा कदम उठाना ही चाहिए। कमलनाथ की तरफ से इस मामले में कोई नरम रुख दिखाई नहीं दिया है। उल्टा दूसरी बार के बयान में भी उन्होंने जले पर नमक छिड़कने जैसी प्रतिक्रिया दे दी। दिग्विजय सिंह विषय की गंभीरता को समझते हैं। यही कारण है कि दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को बातचीत के लिए बुलाया है। सोमवार को दोनों के बीच क्लोज डोर मीटिंग फिक्स हुई है। यह मीटिंग गुना में होगी।

पार्टी के दोनों दिग्गजों की यह कवायद विधायकों को एकजुट रखने के साथ गिले-शिकवे दूर करने की कोशिश के रूप में देखी जा सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का राज्यसभा का कार्यकाल नौ अप्रैल को समाप्त हो रहा है। इसी दिन दो अन्य भाजपा नेताओं प्रभात झा व सत्यनारायण जटिया का भी कार्यकाल समाप्त हो रहा है।

हाईकमान को करना है फैसला

कांग्रेस में राज्यसभा टिकट को लेकर अटकलबाजियां चल रही हैं। पार्टी को मिलने वाली दो सीटों पर प्रत्याशी चयन पर हाईकमान को फैसला करना है। राहुल गांधी की पसंद माने जाने वाले सिंधिया प्रदेश की राजनीति में चल रहे घटनाक्रम की वजह से असहज दिखाई देने लगे हैं। इसी तरह दिग्विजय सिंह भी अपने टिकट को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हैं।
यह माना जा रहा है कि दो सीटों में से एक टिकट मध्य प्रदेश के किसी नेता को दिया जाएगा और एक टिकट प्रदेश के बाहर के किसी व्यक्ति को दिया जा सकता है। ऐसे में दिग्विजय सिंह और सिंधिया की गुना में होने वाली मुलाकात को अहम माना जा रहा है।

क्या होगा गणित

कांग्रेस-भाजपा के तीन राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल पूरा होने पर इन सीटों के लिए अप्रैल में चुनाव होना है। रिक्त सीटों पर चुनाव के फार्मूले के हिसाब से हर एक प्रत्याशी को 58 विधायकों का समर्थन जरूरी होगा। अभी विधानसभा में 228 विधायक संख्या है, जिसमें से कांग्रेस के पास 114 व भाजपा के 107 विधायक हैं। इस हिसाब से कांग्रेस और भाजपा को एक-एक सीट जीतने में आसानी होगी। दूसरी सीट के लिए बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी व निर्दलीय विधायकों का समर्थन जरूरी होगा। कांग्रेस को इसके लिए दो अन्य विधायकों के साथ की आवश्यकता होगी तो भाजपा को कम से कम नौ विधायकों का समर्थन आवश्यक होगा।

नेताओं के ये हैं कार्यक्रम

सिंधिया 24 फरवरी को भोपाल आ रहे हैं। वे यहां सुबह विमान से भोपाल आएंगे और करीब एक घंटे निजी होटल में रुकने के बाद रवाना होकर चंदेरी के विधायक गोपाल सिंह चौहान के पुत्र के वैवाहिक समारोह में शामिल होंगे। रात को ही वे ललितपुर से दिल्ली चले जाएंगे। इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह 23 को दिल्ली से झांसी पहुंचेंगे और वहां से ओरछा, निवाड़ी, टीकमगढ़ होते हुए अशोक नगर चंदेरी आएंगे। वे 24 फरवरी को चंदेरी, अशोक नगर, गुना होते हुए इंदौर जाएंगे और रात को दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।


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