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सेवानिवृत्त तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को संविदा नियुक्ति देगी सरकार
भोपाल। राजस्व के हजारों की संख्या में लंबित मामलों को निपटाने के लिए सरकार अब सेवानिवृत्त तहसीलदार और नायब तहसीलदार को संविदा नियुक्ति देगी। इसके लिए उनका दस साल का सेवा रिकॉर्ड देखा जाएगा। किसी मामले में पांच साल जांच चली हो तो उसे मौका नहीं मिलेगा। नियुक्ति के लिए राजस्व विभाग मंगलवार को मंत्रालय में होने वाली कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव रखेगा।
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में 519 तहसीलदार के पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से पौने तीन सौ ही भरे हैं। इसी तरह नायब तहसीलदार के 620 में से 375 पद भरे हुए हैं। पदोन्नति में आरक्षण नियम का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने से तहसीलदार पद पर पदोन्नति अटकी हुई है तो नायब तहसीलदार की भर्ती के लिए राज्य लोकसेवा आयोग को प्रस्ताव भेजा गया है।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया पूरी होने में कम से कम एक साल लगेगा। ऐसे में सरकार की राजस्व मामलों को जल्द निपटाने की जो मंशा है, वो पूरी नहीं हो सकती है। इसके मद्देनजर सेवानिवृत्त तहसीदार और नायब तहसीलदार को संविदा पर रखने की तैयारी है। 65 साल से अधिक आयु के व्यक्ति को नियुक्ति नहीं दी जाएगी।
कातिया और दुबे को मिलेगी संविदा
सामान्य प्रशासन विभाग के सेवानिवृत्त अपर सचिव केके कातिया और अनुभाग अधिकारी राधेश्याम दुबे को सरकार संविदा नियुक्ति देगी। कातिया सेवानिवृत्त होने से पहले सुप्रीम कोर्ट में चल रहे पदोन्नति में आरक्षण प्रकरण को देख रहे थे। इसी तरह दुबे आईएएस अफसरों की पदस्थापना शाखा से जुड़े हैं। बैठक में वाणिज्यिक कर अपील बोर्ड के अधीक्षक दामोदरन पीएन की संविदा अवधि में वृद्धि के प्रस्ताव पर भी निर्णय लिया जाएगा।
नौ माह के लंबित भुगतान पर होगा फैसला
सूत्रों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के 733 संविदा बहुउद्देश्यीय कार्यकर्ताओं को नौ माह के लंबित भगुतान पर भी कैबिनेट में फैसला लिया जाएगा। इन पुरुष कार्यकर्ताओं को एक अक्टूबर 2016 से 30 जून 2017 के बीच का भुगतान नहीं हुआ था। बैठक में जनजातीय कार्य विभाग आधा दर्जन से ज्यादा प्रस्ताव अनुमोदन के लिए रखेगा। इन सभी मामलों पर विभाग पहले ही काम शुरू कर चुका है। इसी तरह उच्च शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा के मामले में कैबिनेट से नीतिगत आदेश प्राप्त किया जाएगा।