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12 hospital registration canceled जबलपुर में 12 अस्पतालों के पंजीयन निरस्त, CMHO सस्पेंड

12 hospital registration canceled जबलपुर में 12 अस्पतालों के पंजीयन निरस्त, CMHO सस्पेंड

12 hospital registration cancele न्यू लाइफ मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल में आठ लोगों के जिंदा जलने के बाद स्वास्थ्य विभाग होश में आया है। घटना को लेकर देशभर में शर्मिंदगी झेलने के बाद विभाग ने पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए नियम विरुद्ध तरीके से संचालित 12 निजी अस्पतालों का पंजीयन तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। इन अस्पतालों में नए मरीजों को भर्ती करने पर रोक लगा दी गई है। इधर, कहा जा रहा है कि नियम विरुद्ध तरीके से संचालित निजी अस्पतालों की संख्या 50 से ज्यादा बताई जा रही है।

शिवराज सिंह चौहान की सख्ती के बाद

इधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सख्ती के बाद डा. रत्नेश कुरारिया को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पद से हटा दिया गया है। क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डा. संजय मिश्रा को सीएमएचओ पद की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है। डा. कुरारिया को क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं कार्यालय सागर में अटैच किया गया है। बुधवार को डा. मिश्रा के हस्ताक्षर से अस्पतालों का पंजीयन निरस्त करने का आदेश जारी किया गया।

यह तो हद हो गई, आवेदन तक नहीं-

निजी अस्पतालों के संचालन में फर्जीवाड़े की हद सामने आई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में उन अस्पतालों को भी लाइसेंस दे दिया था जहां मरीजों की सुरक्षा के किसी भी तरह के इंतजाम नहीं मिले। ऐसे भी अस्पताल सामने आए जिनके संचालकों ने फायर एनओसी के लिए नगर निगम में आवेदन तक नहीं किया था। स्वास्थ्य विभाग व फायर सेफ्टी विभाग के अधिकारी आंखें मूंदे रहे। कुछ अस्पताल संचालकों ने नगर निगम में फायर एनओसी के लिए जमा की गई रकम की रसीद थमा दी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक एक निजी अस्पताल के दस्तावेजों की जांच कर भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है।

न्यू लाइफ मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल की घटना के लिए जिम्मेदार आरोपितों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग जोर पकड़ रही है। इस मुद्दे को लेकर आम नागरिक खुलकर सामने आने लगे हैं। बुधवार को स्वाति वर्मा, तन्मय विश्वकर्मा समेत कई युवाओं ने कलेक्टर डा. इलैयाराजा टी को ज्ञापन सौंपकर कहा कि न्यू लाइफ मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते लोग जिंदा जल गए। इसलिए आरोपितों के खिलाफ हत्या की एफआइआर दर्ज की जाए।

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