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2019 तक मार्गदर्शक मंडल में शामिल होंगे कुछ और वरिष्ठ भाजपाई- जानें कौन
नई दिल्ली: मोदी कैबिनेट में नए सितारों के उभरने से राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज और अन्य नेताओं में बेचैनी फैल गई है। कहा जाता है कि अगर मोदी 2019 में सत्ता में फिर वापस लौट आए तो बहुत से वरिष्ठ पार्टी नेताओं को एलके अडवानी, एमएम जोशी के साथ ‘मार्गदर्शक मंडल’ में बैठना पड़ सकता है। निर्मला सीतारमण को रक्षा मंत्री बनाने से यह संकेत मिलता है कि मोदी 2019 में एक युवा टीम रखना पसंद करेंगे। वास्तव में पीयूष गोयल का नाम नए वित्त मंत्री के पद के लिए पहले से ही चर्चा में था और अरुण जेतली को रक्षा मंत्री बनाया जाना था। निर्मला सीतारमण को विदेश मंत्री बनाने का प्रस्ताव था।
सेहत के कारण सुषमा स्वराज को कम बोझ वाला मंत्रालय देने की चर्चा थी लेकिन कुछ राजनीतिक मजबूरियों के कारण यह प्रस्ताव स्थगित कर दिया गया। प्रधानमंत्री ने फैसला किया कि नितिन गडकरी को उनको अपना दायां हाथ बनाए रखा जाए क्योंकि उनके आरएसएस के साथ गहरे संबंध हैं और मोदी उनके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करेंगे। वेंकैया नायडू पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेता हैं। उन्हें पहले ही गैर-राजनीतिक भूमिका दी गई है इसलिए 2019 में मोदी अरुण जेतली, नितिन गडकरी, निर्मल सीतारमण, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, रविशंकर प्रसाद, स्मृति ईरानी, प्रकाश जावड़ेकर, हर्षवर्धन, जे.पी. नड्डा, डा. जतिन्द्र सिंह आदि से अपनी युवा टीम बनाएंगे। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह
भी पार्टी और राज्यों में विश्वासपात्र युवा नेताओं की टीम बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
आहलूवालिया नाराज
भाजपा के प्रमुख सिख नेता एसएस आहलूवालिया मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल से खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं। वह मोदी सरकार से बहुत नाराज हैं। उनके पास कृषि और संसदीय मामलों के 2 मंत्रालयों का पदभार था मगर फेरबदल के दौरान उन्हें संसदीय मामलों के मंत्री पद से हटा दिया गया और पेयजल व सफाई विभाग में उमा भारती के तहत लाया गया। मंत्रालय में एक और राज्य मंत्री भी हैं। आहलूवालिया को उम्मीद थी कि उनके अच्छे काम के लिए उन्हें पदोन्नत किया जाएगा। उन्हें यह भी आस थी कि नवजोत सिंह सिद्धू के भाजपा से बाहर होने के बाद पंजाब या कहीं और उनकी सेवाएं ली जाएंगी लेकिन हरदीप सिंह पुरी को मंत्रिमंडल में लाया गया और उन्हें एक स्वतंत्र कार्यभार सौंपा गया। आहलूवालिया को भाजपा में एल.के. अडवानी-सुषमा स्वराज गुट का करीबी माना जाता है जबकि पुरी वित्त मंत्री जेतली के वफादार हैं।
सेहत के कारण सुषमा स्वराज को कम बोझ वाला मंत्रालय देने की चर्चा थी लेकिन कुछ राजनीतिक मजबूरियों के कारण यह प्रस्ताव स्थगित कर दिया गया। प्रधानमंत्री ने फैसला किया कि नितिन गडकरी को उनको अपना दायां हाथ बनाए रखा जाए क्योंकि उनके आरएसएस के साथ गहरे संबंध हैं और मोदी उनके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करेंगे। वेंकैया नायडू पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेता हैं। उन्हें पहले ही गैर-राजनीतिक भूमिका दी गई है इसलिए 2019 में मोदी अरुण जेतली, नितिन गडकरी, निर्मल सीतारमण, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, रविशंकर प्रसाद, स्मृति ईरानी, प्रकाश जावड़ेकर, हर्षवर्धन, जे.पी. नड्डा, डा. जतिन्द्र सिंह आदि से अपनी युवा टीम बनाएंगे। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह
भी पार्टी और राज्यों में विश्वासपात्र युवा नेताओं की टीम बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
आहलूवालिया नाराज
भाजपा के प्रमुख सिख नेता एसएस आहलूवालिया मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल से खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं। वह मोदी सरकार से बहुत नाराज हैं। उनके पास कृषि और संसदीय मामलों के 2 मंत्रालयों का पदभार था मगर फेरबदल के दौरान उन्हें संसदीय मामलों के मंत्री पद से हटा दिया गया और पेयजल व सफाई विभाग में उमा भारती के तहत लाया गया। मंत्रालय में एक और राज्य मंत्री भी हैं। आहलूवालिया को उम्मीद थी कि उनके अच्छे काम के लिए उन्हें पदोन्नत किया जाएगा। उन्हें यह भी आस थी कि नवजोत सिंह सिद्धू के भाजपा से बाहर होने के बाद पंजाब या कहीं और उनकी सेवाएं ली जाएंगी लेकिन हरदीप सिंह पुरी को मंत्रिमंडल में लाया गया और उन्हें एक स्वतंत्र कार्यभार सौंपा गया। आहलूवालिया को भाजपा में एल.के. अडवानी-सुषमा स्वराज गुट का करीबी माना जाता है जबकि पुरी वित्त मंत्री जेतली के वफादार हैं।