अमावस्या के दिन सुबह शीघ्र उठकर स्नानादि कार्यों से निवृत्त होकर तांबे के लोटे में जल लें। जल में चावल अौर फूल डालकर सूर्य को अर्पित करें।
इस दिन शिवलिंग पर जल, दूध व काले तिल अर्पित करें। इससे सदैव भोलेनाथ की कृपा बनी रहती है।
गेहूं के आटे की गोलियां बनाकर अमावस्या के दिन मछलियों को खिलाएं।
अमावस्या के दिन भगवान विष्णु, हनुमान जी या भोलेनाथ के मंदिर में ध्वज लगवाएं।
मंदिर में जाकर हनुमान जी के सामने चमेली का दीपक प्रज्वलित कर हनुमान चालीसा का पाठ करें। उसके बाद हनुमान जी को लड्डू का भोग लगाएं।
अमावस्या के दिन किसी मंदिर में जाकर अनाज का दान करें। झाडू का भी दान करें। इसके साथ ही ब्राह्मण को भोजन कराना भी शुभ होता है।
अमावस्या को शनिदेव के लिए तेल का दान करें। इसके साथ ही काली उड़द, काले तिल, लोहा, काला कपड़ा आदि चीजों का भी दान करें।
सुबह उठते ही अपनी दोनों हथेलियों को देखें अौर कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती। करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम॥ मंत्र का जाप करें। इस उपाय को प्रतिदिन भी किया जा सकता है।
अमावस्या का दिन पितरों के लिए विशेष महत्व होता है। इस दिन पितरों के निमित्त किसी गरीब को दूध का दान करें। इससे पितर प्रसन्न होते हैं।
23 जुलाई अमावस्या: इनमें से करें कोई एक उपाय, मिटेंगे कष्ट
ज्ञान डेस्क। सावन के पावन महीने की 23 जुलाई को अमावस्या है। इस महीने की अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है। सावन अौर अमावस्या के योग में पूजा-अर्चना करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं अौर भोलेनाथ की कृपा बनी रहती है।