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29 आईपीएस के खिलाफ 52 शिकायतें, सालों से हो रही जांच
भोपाल। प्रदेश के 29 आईपीएस अफसरों के खिलाफ पुलिस मुख्यालय की सीआईडी विजिलेंस शाखा में शिकायतें हैं। अधिकांश शिकायतें जुआ-सट्टे को बढ़ावा देने, पद का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार संबंधी हैं। इनमें से कई शिकायतें को सालों से लंबित हैं। उनकी जांच आज तक पूरी ही नहीं हुई है।
आगर मालवा के एसपी रघुवीर सिंह मीणा के खिलाफ 2006 से जांच चल रही है, जिसमें फर्जी जाति प्रमाण पत्र और दो पत्नियों संबंधी आरोप हैं। आयुक्त आदिवासी विकास मप्र छानबीन समिति भोपाल द्वारा जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया जा चुका है लेकिन इसके विरुद्ध हाईकोर्ट से मीणा स्टे ले आए हैं। दो पत्नी के मामले में शासन ने आरोप मांगा है जो पीएचक्यू की प्रशासन शाखा में लंबित है।
इधर, गौरव राजपूत के खिलाफ जुआ-सट्टा, अवैध शराब और खुलेआम वसूली की शिकायतें थीं, जिनमें उन्हें क्लीनचिट दे दी गई है। वहीं कटनी के नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ. विशंभर ललवानी से 10 लाख रुपए लेने के मामले की जांच अभी चल रही है।
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शैलेष सिंह के खिलाफ दो शिकायतें थीं जिनमें से एक पुणे की रिनी जौहर से दस लाख रुपए लेने और दूसरी सायबर सेल में पदस्थापना के दौरान एक प्रकरण में उचित विवेचना नहीं करने की थी। सायबर सेल के मामले की जांच में सीआईडी ने खात्मा लगा दिया था लेकिन अदालत के आदेश पर इसे पुन: विवेचना में लिया गया।
सात आईपीएस के खिलाफ एक से ज्यादा शिकायतें
सूत्रों के मुताबिक सीआईडी के रिकॉर्ड में जिन अधिकारियों के खिलाफ एक से ज्यादा शिकायतें रही हैं उनमें पुरुषोत्तम शर्मा, अशोक अवस्थी, दिलीप कुमार आर्य, शैलेष सिंह, गौरव राजपूत, आरएस मीणा, एनबी बरकड़े के नाम प्रमुख हैं। हालांकि इनमें से कुछ अधिकारियों की कुछ शिकायतों को नस्तीबद्ध कर दिया गया है।
जांच चल रही है
क्या कहते हैं जाँच अधिकारी
विभिन्न अधिकारियो के खिलाफ शिकायतें हैं लेकिन कई शिकायतें गुमनाम होती हैं। कुछ शिकायतों की जांच चल रही है। मीणा के फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में छानबीन समिति ने जांच की है और दो पत्नियों संबंधी शिकायत की जांच चल रही है। गौरव राजपूत के खिलाफ तीन शिकायतें थीं जिनमें से दो फाइल हो गई हैं। डॉ. ललवानी के मामले में जांच चल रही है।