वाशिंगटनः वैज्ञानिकों का कहना है कि डिजिटल होलोग्राफिक माइक्रोस्कोप तकनीक से एलियंस का पता लगाने में मदद मिल सकती है। इस तकनीक में 3डी इमेज के लिए लेजर का इस्तेमाल किया जाता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, करीब चार दशक से नासा के विकिंग प्रोग्राम के तहत कोई भी अंतरिक्ष यान या अभियान एलियंस के जीवन पर प्रकाश नहीं डाल सका है। हालांकि इनका ध्यान पानी की खोज में जरूर रहा है। शनि ग्रह के बर्फीले चंद्रमा एनसेलेडस पर पानी की मौजूदगी का पता चला है। लेकिन उस पर अगर जीवन का अस्तित्व है तो वह सूक्ष्मजीवों के रूप में हो सकता है।
वैज्ञानिकों के लिए धरती से 79 करोड़ मील की दूरी से इन सूक्ष्मजीवों की पहचान करना काफी मुश्किल भरा काम है। अमेरिका के कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर जे नादेउ ने कहा, ‘सूक्ष्मजीव और धूल के कण के बीच पहचान करना कठिन काम है। लेकिन संभावित सूक्ष्मजीवों के अध्ययन में डिजिटल होलोग्राफिक माइक्रोस्कोप तकनीक कारगर हो सकती है।’