4th COVID Wave: चीन समेत कई देशों में कोरोना की एक और लहर का खतरा बढ़ गया है। इस बीच, भारत में बीचे 24 घंटों में कोरोना के 1,761 नए केस सामने आए हैं। इस दौरान 127 मरीजों की मौत हुई है। अभी देश में कोरोना के 26,240 एक्टिव केस हैं। वहीं महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कोरोना की चौथी लहर की आशंखा का संकेत दिया, जिससे नई चिंता पैदा हो गई। महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) डॉ. प्रदीप व्यास के मुताबिक, अभी स्थिति ठीक लग रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि हालात बहुत तेजी से बदल सकते हैं। महाराष्ट्र में लगभग सभी प्रतिबंधों में ढील दी गई है। इस बीच इजरायल में कोरोना का नया वैरिएंट मिला है और चीन-कोरिया जैसे देशों में फिर रिकॉर्ड केस सामने आए हैं।
भारत में कोरोना की चौथी लहर का कितना खतरा
हालांकि इससे पहले जाने-माने वायरोलाजिस्ट और वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कालेज (सीएमसी) के पूर्व प्रोफेसर डा. टी जैकब जान ने शनिवार को कहा कि कोरोना महामारी की चौथी लहर के आने की संभावना बहुत कम है, लेकिन सतर्क रहने की जरूरत है।
केंद्र ने राज्यों से निगरानी बढ़ाने को कहा
कोविड-19 से हुई मौत के मुआवजे की मांग करने की समयसीमा तय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि कोरोना से मृत्यु पर अनुग्रह राशि भुगतान का दावा करने के लिए चार सप्ताह की समय सीमा निर्धारित होनी चाहिए। सरकार द्वारा दायर याचिका में कहा गया, हालांकि कोविड के कारण मृत्यु दर में काफी कमी आई है, लेकिन यह निर्देश दिया जाना चाहिए कि यदि कोविड-19 के कारण कोई मृत्यु होती है, तो पात्र दावेदार मृत्यु से चार सप्ताह की अवधि के भीतर सक्षम प्राधिकरण के समक्ष मुआवजे के लिए दावा करें।