भोपाल। इस बार सावन महीने की शुरुआत में जहां सोमवार का विशेष संयोग बना और समापन भी सोमवार को होगा, वहीं भादों माह में भी सोमवार को विशेष संयोग बन रहा है। 7 अगस्त को सोमवार के दिन पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण का संयोग पड़ने के अलावा इसके बाद पड़ने वाली अमावस्या पर भी सोमवार का संयोग है, जिसके चलते सोमवती अमावस्या पड़ रही है।
मान्यता है कि यदि सोमवार के दिन अमावस्या पड़े तो यह अति शुभ फलदायी होती है। सालों बाद भादों माह में सोमवती अमावस्या का संयोग बन रहा है। इसके चलते सावन के बाद भादों माह में भी भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी।
10 जुलाई से शुरू हुए सावन के पहले पखवाड़े के समापन पर 23 जुलाई को हरेली अमावस्या मनाई जाएगी। इसी दिन से छत्तीसगढ़ में तीज-त्योहारों की बहार शुरू हो जाएगी। एक ओर जहां बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र बांधने का पर्व मनाएंगी, वहीं दूसरी ओर सुहागिनें अपने पति की सुख-समृद्धि के लिए 36 घंटे का अखंड व्रत करेंगी। इसी बीच भगवान कृष्ण और भगवान गणेश के जन्मोत्सव की धूम रहेगी।
हरेली अमावस्या 23 को, किसान पूजेंगे हल-बैल
सावन माह का पहला बड़ा त्योहार हरेली अमावस्या 23 जुलाई को पड़ रहा है। इसे हरियाली के प्रतीक के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में किसान अपने खेतों में हल और बैलों के अलावा फसल काटने में इस्तेमाल होने वाले हंसिया, कुदाल, रापा, धमेला आदि की पूजा-अर्चना करेंगे। घर-घर में नीम की पत्तियां द्वार पर लगाई जाएंगी।
26 को हरियाली तीज
26 जुलाई को अग्रवाल समाज, माहेश्वरी समाज की महिलाएं सावन की तीज मनाएंगी। इस दिन से कृष्ण मंदिरों में सावन के झूले सजने शुरू हो जाएंगे। झूलों को अलग-अलग खाद्य सामग्री व श्रृंगार सामग्री से सजाया जाएगा।
नागपंचमी 28
हरेली अमावस्या के पांच दिन बाद 28 जुलाई को नागपंचमी पर नागदेवता की पूजा-अर्चना की जाएगी। मान्यता है कि नागपंचमी पर काल सर्प दोष की पूजा करने से काल सर्प दोष से ग्रसित जातक को दोषों से मुक्ति मिलती है और उसका भाग्य प्रबल होता है।
7 अगस्त रक्षाबंधन
सावन पूर्णिमा 7 अगस्त को रक्षा बंधन मनाएंगे। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उसके लिए मंगल कामना करेंगी। भाई भी अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देंगे।
जन्माष्टमी दो दिन मनेगी
इस बार अष्टमी तिथि दो दिन पड़ने से भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव जन्माष्टमी पर्व 14 और 15 अगस्त को मनाया जाएगा। इससे पूर्व भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलदेव से जुड़ा पर्व हलषष्ठी 13 अगस्त को मनाएंगे।
24 अगस्त को तीजा
छत्तीसगढ़ में तीजा पर्व का काफी महत्व है। इस दिन सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र और सुख समृद्धि की कामना करेंगी। प्रत्येक घर में माता-पिता अपनी बेटियों को ससुराल से मायके लेकर आएंगे और आवभगत करेंगे। सुहागिनें 23 अगस्त की शाम कड़ू भात खाकर उपवास शुरू करेंगी और 24 अगस्त को दिन-रात निर्जला उपवास रखकर पूजा-अर्चना में रमी रहेंगी। 25 अगस्त को सुबह व्रत का पारणा करेंगी।
25 अगस्त को गणेश चतुर्थी
25 अगस्त को गणेश चतुर्थी पर घर-घर में भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना की जाएगी। 10 दिन तक गणेश पर्व की धूम रहेगी और गणेश विसर्जन के साथ पर्व का समापन होगा। इसके पश्चात पितर पक्ष के 15 दिन त्योहारों पर रोक लगेगी और इस दौरान पितरों की पूजा की जाएगी।