गुजरात (Gujarat) में कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. अभी हाल ही में भारत सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी की है. इस फैसले के बाद गुजरात सरकार (Gujarat Government) ने भी प्रदेश सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का ऐलान किया है. इसके तहत काम कर रहे डॉक्टरों और मेडिकल कॉलेज के शिक्षकों के लिए बेहद अच्छी खबर है. चूंकि प्रदेश सरकार के कर्मचारियों को अब 28 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जाएगा, जोकि पहले 17 फीसदी था. उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने आज यहां एक मीडिया से बातचीत करते हुए यह घोषणा की.
दरअसल, प्रदेश सरकार ने सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों, पंचायत अधिकारियों, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए अच्छी खुशखबरी दी है. वहीं, प्रदेश सरकार ने 11 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के साथ संयुक्त 28 प्रतिशत मुद्रास्फीति भत्ते को मंजूरी दी है. यह लाभ उन्हें सितंबर के वेतन से ही मिलेगा. इसके साथ ही गुजरात सरकार ने सरकारी अस्पतालों में काम कर रहे डॉक्टरों और गुजरात मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च सोसाइटी (GMERS) मेडिकल कॉलेजों के शिक्षकों के लिए सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों के अनुसार, नॉन-प्रैक्टिस अलाउंस (NPA) को हरी झंडी दे दी है.
केंद्र सरकार को फॉलो कर रही गुजरात सरकार
वहीं, डिप्टी सीएम ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि केंद्र सरकार ने जहां केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी करने की घोषणा की है और उसका काम भी शुरू किया है, वहीं गुजरात सरकार ने भी राज्य सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को बढ़ाने का फैसला किया है. अब इस फैसले के बाद कर्मचारियों की सैलरी हर महीने बढ़ कर आएगी.
वित्त विभाग ने 28 फीसदी महंगाई भत्ते को दी मंजूरी
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भी हमेशा अधिकारियों, कर्मचारियों, पंचायत अधिकारियों, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को भुगतान करती है. हालांकि अभी तक इन लोगों को 17 फीसदी महंगाई भत्ता मिलता था. लेकिन हाल ही में केंद्र सरकार ने जुलाई में 11 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 28 प्रतिशत के महंगे भत्ते को मंजूरी दी थी. डिप्टी सीएम ने बताया कि आज हमने वित्त विभाग से एक फैसला लिया है और इसे मुख्यमंत्री द्वारा अनुमोदित भी किया गया है। तदनुसार, गुजरात सरकार भी भारत सरकार के आधार पर एक महंगा भत्ता प्रदान करेगी।
हड़ताल वापस लेने की शर्त पर मिला वेतन भत्ता
बता दें कि प्रदेश सरकार ने बीते इसी साल मई में सातवें वेतन आयोग के मुताबिक 6 सरकारी मेडिकल कॉलेजों के शिक्षकों के लिए इसी NPA को मंजूरी दी थी. इसके कुछ महीने बाद उन्हें 8 जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेजों के शिक्षकों के साथ अपनी हड़ताल वापस लेने की शर्त पर मंजूरी दी गई.