सातवें वेतन आयोग के तहत वेतन पाने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) के बकाए के संबंध में एक अच्छी खबर मिल सकती है। जानकारी के अनुसार कार्यरत और रिटायर्ड केंद्र सरकार के कर्मचारियों की डीए और डीआर बकाए की मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंच गई है, जो इस मुद्दे पर जल्द ही अंतिम फैसला ले सकते हैं। अगर डीए और डीआर एरियर जारी करने की मंजूरी मिल जाती है तो करीब 1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के अकाउंट्स में बड़ी राशि जमा की जाएगी।
डीए और डीआर पर लगा दी थी रोक
सातवें वेतन आयोग के तहत महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की दरें 1 जुलाई से मूल वेतन/पेंशन के 28 फीसदी पर निर्धारित की गई हैं। डीए और डीआर की दरों में जनवरी 2020 में 4 फीसदी, जून 2020 में 3 फीसदी और इस साल जनवरी 2021 में 4 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी। हालांकि, सरकार ने देश में कोरोनावायरस महामारी की चपेट में आने के बाद इन वेतन वृद्धि को रोक दिया था।
मंत्रालय ने एरियर देने से किया था इनकार
जिसकी वजह से जनवरी 2020 से जून 2021 तक डीए और डीआर की दरें 17 प्रतिशत पर बनी रहीं। केंद्र ने 1 जुलाई से डीए और डीआर दरों को 28 प्रतिशत तक बहाल कर दिया, लेकिन कर्मचारियों और पेंशनर्स को निराश करते हुए 18 महीने के बकाया का भुगतान करने से इनकार कर दिया। अब, इंडियन पेंशनर्स फोरम (बीएमएस) डीए और डीआर बकाए के भुगतान का अनुरोध करते हुए एक पत्र के साथ पीएम नरेंद्र मोदी के पास पहुंचा है।
क्या रखी मांग
बीएमएस ने प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने और वित्त मंत्रालय को 1 जनवरी, 2020 और 30 जून, 2021 के बीच रोके गए डीए और डीआर बकाए का भुगतान करने का निर्देश देने का आग्रह किया है। इससे पहले, जेसीएम सचिव शिव गोपाल मिश्रा, जिन्होंने 7 वें वेतन आयोग की सिफारिशों पर बातचीत की थी। कर्मचारियों की ओर से केंद्र ने कहा था कि बकाए पर सरकार का निर्णय “इललॉजिकल” है। अब देखने वाली बात यह है कि डीए और डीआर एरियर के भुगतान की मांग पीएम नरेंद्र मोदी मानेंगे या नहीं?