7th Pay Commission: घर बनाने के लिए केंद्रीय कर्मचारियों को सरकार से मिलता है सस्ता लोन, जानें- क्या है तरीका

7th Pay Commission केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को सैलरी और अलाउंस के अलावा भी बहुत सारी सुविधाएं प्रदान करती है। केंद्रीय कर्मचारियों को हाउस बिल्डिंग एडवांस होम लोन की सुविधा भी मिलती है। 7वें वेतन आयोग के तहत इस लोन में भी इजाफा हुआ है। 1 अक्टूबर, 2019 से सरकार इस लोन पर 7.9 फीसदी सालाना का ब्याज ले रही है। हाउस बिल्डिंग एडवांस के तौर पर अधिकतम 25 लाख रुपये या फिर 34 महीने की बेसिक सैलरी के बराबर रकम मिल सकती है।

यदि केंद्रीय कर्मचारी नया आवास बना रहा है तो सरकार की ओर से उसे अधिकतम 25 लाख रुपये या फिर 34 महीने की बेसिक सैलरी के बराबर अडवांस मिल सकता है। यही नहीं यदि वह मौजूदा घर का विस्तार या फिर पुनर्निर्माण कर रहा है तो उसे अधिकतम 10 लाख रुपये तक की मदद मिल सकती है। इस योजना का फायदा केंद्र सरकार के सभी परमानेंट कर्मचारियों को मिलता है। इसके अलावा कम से कम 5 वर्ष से लगातार सर्विस कर रहे कर्मचारी भी इसका लाभ उठा सकेंगे।

इसके अलावा ऑल इंडिया सर्विस के सदस्य जिनकी नियुक्ति केंद्र सरकार के अंतर्गत सर्विस में हुई है। केंद्र शासित प्रदेशों और नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी कर्मचारी भी इसका लाभ लेने की पात्रता रखते हैं। सरकार ने AIR के स्टाफ को भी इस योजना के लिए मंजूरी दी है। केंद्रीय कर्मचारी जो पेमेंट ऑफ वेजेस एक्ट 1936 के अंतर्गत आते हैं और ऐसे लोग जिनकी नियुक्ति किसी अन्य डिपार्टमेंट या फॉरेन सर्विस में हो गई‌। वे भी इस दायरे में आते हैं। एक्स सर्विसमैन और सस्पेंडेड कर्मचारी जो मौजूदा नियमों एलिजिबिलिटी कंडीशन को पूरा करते हैं, वे भी इसका लाभ उठा सकते हैं।

 अपने प्लॉट पर नए घर के निर्माण के लिए।

 प्लॉट खरीदने के लिए।

 किसी को-ऑपरेटिव या ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी से प्लॉट खरीदने के लिए।

 सेल्फ फाइनेंसिंग स्कीम से घर खरीदने पर ‌।

 किसी फ्लैट या तैयार नए घर खरीदने पर ‌।

 खुद खरीदी हुई बिल्डिंग के एक्सटेंशन पर।

 सरकार, हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (HUDCO) या प्राइवेट सोर्स से लिए गए लोन के रिपेमेंट के लिए।

 शॉप-कम- रेजिडेंशियल प्लॉट पर बिल्डिंग के रेजिडेंशियल पोर्शन के निर्माण के लिए।

Exit mobile version