नई दिल्ली। वेंकैया नाडयू ने देश के 13वें उपराष्ट्रपति पद की शपथ ले ली है। साथ ही वे राज्यसभा के सभापति बन गए हैं। वेंकैया देश के ऐसे पहले उपराष्ट्रपति हैं, जो आजादी के बाद जन्में हैं। उनका जन्म 1 जुलाई 1949 को हुआ है।
वेंकैया खाने के बहुत शौकिन हैं। खासतौर पर नॉनवेज। यही कारण है कि उनके बारे में कहा जाता है, ‘मांसाहर पसंद करने वाला नेता शाकाहारी पार्टी में।’ वेंकैया को लेकर एक किस्सा बहुत कम लोगों को पता है कि मांसाहारी भोजन के प्रति अपने लगाव के चलते एक बार उन्होंने जनसंघ छोड़ने तक का मन बना लिया था।
वेंकैया ने अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता के रूप में की थी। बाद में जनसंघ के साथ जुड़े। तब जनसंघ शाकाहार को बढ़ावा देता था, लेकिन वेंकैया तो मांसाहर छोड़ने के बारे में सोच भी नहीं सकते थे।
हालात ऐसे बने कि वेंकैया को गंभीरता से सोचना पड़ा। एक तरफ उनका मांसाहार प्रेम था, तो दूसरी ओर राजनीतिक करियर। आखिरकार वेंकैया का मांसाहार प्रेम भारी पड़ा और उन्होंने जनसंघ छोड़ने का मन बना लिया। इस विचार के साथ वे जनसंघ के बड़े नेताओं से मिले, जिन्होंने जैसे-तैसे समझाकर मामला शांत किया। आखिरकार वेंकैय जनसंघ में बने रहे और बाद में 1980 में भाजपा में शामिल हुए।