आज फाल्गुन मास की अमावस्या है और शास्त्रों में इस तिथि को पौराणिक दृष्टि से बेहद खास माना गया है। इसके साथ ही पंचांग के अनुसार आज युगादि तिथि भी है। 2 मार्च 2022 बुधवार को युगादि तिथि है। जैसा कि हम जानते हैं कि चार युग होते है, सतयुग, त्रेता युग, द्वापर युग, कलियुग ये सभी युग भिन्न भिन्न तिथियों को प्रारंभ हुए थे।
युग+आदि अर्थात युग के आरंभ होने की तिथि, इसे ही युगादि तिथि कहते हैं अर्थात जिस तिथि को अतीत या भविष्य में एक नया युग आरंभ हुआ होगा, वही युगादि तिथि कहलाती है। युगादि तिथियां बहुत ही शुभ होती हैं, इस दिन किया गया जप, तप, ध्यान, स्नान, दान, यज्ञ, हवन आदि अक्षय फल देने वाला होता है। प्रत्येक युग में सौ वर्षों तक दान करने से जो फल होता है, वह युगादि-काल में एक दिन के दान से प्राप्त हो जाता है।
अमावस्या पर नमक का अचूक टोटका
घर में हर अमावस्या अथवा हर 15 दिन में पानी में खड़ा नमक यानी करीब एक लीटर पानी में 50 ग्राम खड़ा नमक डालकर पोंछा लगाएं। इससे नेगेटिव एनर्जी चली जाएगी अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण अर्क भी डाल सकते हैं। कहते हैं कि अमावस्या के दिन जो वृक्ष, लता आदि को काटता है अथवा उनका एक पत्ता भी तोड़ता है, उसे ब्रह्महत्या का पाप लगता है।
अमावस्या के अन्य उपाय
- अमावस्या के दिन मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं।
- अमावस्या के दिन काली चींटियों को शक्कर मिला हुआ आटा जरूर खिलाएं।
- शाम के वक्त किसी अच्छे पुरोहित को बुलाकर घर में हवन करवाएं।
- अमावस्या की तिथि प्रमुख रूप से पितरों को समर्पित होती है। इस दिन पितरों के निमित्त दान-पुण्य जरूर करें।
- अमावस्या को पीपल के वृक्ष की पूजा करें तथा पेड़ को जनेऊ व अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें। इसके बाद भगवान विष्णु के मंत्र ऊं नमो भगवते वासुदेवाय का जप करें उसकी सात परिक्रमा करें।