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Arpita Mukherjee मेरी मां का ख्याल रखना, इतना कह फफक कर रो पड़ीं अर्पिता मुखर्जी

Arpita Mukherjee मेरी मां का ख्याल रखना, इतना कह फफक कर रो पड़ीं अर्पिता मुखर्जी

Arpita Mukherjee News:गिरफ्तारी के ठीक एक दिन बाद यानी रविवार को अर्पिता ने पत्रकारों से कहा, ‘मेरा किसी भी राजनीतिक दल से कोई वास्ता नहीं है. मेरी मां का ख्याल रखना.’ इतना कहने के बाद वह फफक-फफक कर रो पड़ी।

पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) के जरिये स्कूलों में हुई नियुक्तियों में घोटाला को लेकर राज्य में राजनीति उफान पर है. राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री व मौजूदा उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के आवास से मिले 21 करोड़ से ज्यादा रुपये, गहने, विदेशी मुद्रा व अन्य सामान की बरामदगी के बाद उनकी गिरफ्तारी ने विपक्षी दलों को सत्तारूढ़ दल को घेरने का मौका दे दिया है.

बैंकशाल कोर्ट में हुई अर्पिता मुखर्जी की पेशी

इस बीच, गिरफ्तारी के ठीक एक दिन बाद यानी रविवार को अर्पिता ने पत्रकारों से कहा, ‘मेरा किसी भी राजनीतिक दल से कोई वास्ता नहीं है. मेरी मां का ख्याल रखना.’ इतना कहने के बाद वह फफक-फफक कर रो पड़ी. यह वाकया तब हुआ, जब उन्हें ईडी के अधिकारी यहां बैंकशाल कोर्ट स्थित केंद्रीय जांच एजेंसी की विशेष अदालत में पेशी के लिए लेकर आये. पत्रकार उनसे बात करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन सुरक्षा की व्यवस्था के चलते वे उसके ज्यादा करीब नहीं जा पाये. हालांकि, पत्रकारों को देखते ही वह रो पड़ीं.

ईएसआई अस्पताल में हुई चिकित्सकीय जांच

अदालत में लाने से पहले उन्हें साॅल्टलेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित ईडी कार्यालय से जोका स्थित ईएसआई अस्पताल में चिकित्सकीय जांच के लिए लाया गया था, क्योंकि अर्पिता ने केंद्रीय जांच अधिकारियों के समक्ष खुद के अस्वस्थ महसूस करने की बात कही थी. उसके बाद रविवार सुबह करीब 11 बजे उन्हेें जोका स्थित अस्पताल लाया गया. अस्पताल में भी अर्पिता से पत्रकारों ने बातचीत करने की कोशिश की.

अर्पिता ने पत्रकारों से कहा- कानून पर है पूरा विश्वास

तब अर्पिता ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें कानून पर पूरा विश्वास है. कानून कानून के हिसाब से ही चलेगा. वहां उनकी कुछ मेडिकल टेस्ट करायी गयी. सूत्रों के अनुसार, अर्पिता की चिकित्सीय जांच करने व चिकित्सकों द्वारा उनके अस्पताल में फिलहाल भर्ती नहीं किये जाने की आवश्यकता के आश्वासन के बाद उन्हें अदालत ले आया गया.

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