Ayushman scheme आयुष्मान योजना से भारी लाभ उठाने वाले अस्पतालों पर जल्द ही गाज गिरेगी। सुत्रों के अनुसार सरकार ने गोपनीय स्तर पर आयुष्मान योजना से लाभ उठाकर मरीजों के नाम से सरकारी राशि लेने वाले कई मामले प्रदेश में पकड़े हैं।
सभी जिलों में कोई न कोई ऐसा अस्पताल है जहां आयुष्मान का फर्जी खेल हुआ। दरअसल जबलपुर में एक किडनी हॉस्पिटल में होटल में चल रहे अस्पताल का मामला उजागर होने के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने पुलिस की लोकल इन्वेस्टिगेशन टीम को सक्रिय किया था जिसने यह मामले पकड़े हैं किसी भी वक्त स्वास्थ्य मंत्रालय और पुलिस मिलकर इसे सबके सामने लाएगी फिलहाल एमपी के बैतूल में ऐसा मामला पकड़ा गया है।
बैतूल के बडोरा में स्थित वैष्णवी हास्पीटल में आयुष्मान योजना के तहत भर्ती मरीजों से रुपये वसूलने और अन्य अनियमितताओं के कारण सीएमएचओ ने हास्पीटल का लाइसेंस निरस्त कर दिया है। पिछले दिनों शिकायत मिलने पर स्वास्थ्य और राजस्व विभाग की टीम ने औचक निरीक्षण कर रिकार्ड जब्त किया था। गड़बड़ी प्रमाणित होने पर लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है।
आयुष्मान भारत योजना में अनियमितताओं को लेकर कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस को शिकायत मिली थी। जांच के लिए एसडीएम कैलाश परते, सीएमएचओ डा. एके तिवारी, तहसीलदार प्रभात मिश्रा एवं आयुष्मान योजना के जिला समन्वयक सुदीप माईती की टीम बनाई गई। टीम ने 19 अक्टूबर को वैष्णवी अस्पताल का आकस्मिक निरीक्षण किया जिसमें प्राप्त शिकायतें प्रथम दृष्टया सही पाई गईं।
सीएमएचओ डा. तिवारी ने बताया कि वैष्णवी अस्पताल के संचालक को लाइसेंस निरस्त करने का आदेश भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना में पाई गई अनियमितताओं को लेकर अस्पताल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।