Electric Vehicle Insurance: देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का चलन बढ़ता जा रहा है. चूंकि इन्हें चलाने में खर्च भी कम आता है और ये प्रदूषण भी नहीं करती हैं तो लोग अब इलेक्ट्रिक व्हीकल को एक बड़े ऑप्शन के रूप में देखने लगे हैं. देश में इस समय करीब 4.5 लाख इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री का आंकड़ा देखा जा रहा है जिसमें आने वाले समय में भारी बढ़ोतरी की अपार संभावनाएं हैं. हालांकि इनके इंश्योरेंस यानी बीमा के बारे में लोगों को फिलहाल जानकारी कम है तो हम यहां आपको इसके बारे में बता रहे हैं.
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का इंश्योरेंस
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का इंश्योरेंस कराने के लिए भी आपको पहले उन कंपनियों की तलाश करनी होगी जो इलेक्ट्रिक व्हीकल का बीमा प्रदान करती है. फिलहाल सारी बीमा कंपनियां जो ऑटो इंश्योरेंस करती हैं वो ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) का बीमा नहीं करा रही हैं. लिहाजा आपको पहले ऐसी कंपनी के बारे में पता करना होगा.
कितना प्रीमियम लगेगा?
ग्राहक को इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए मिलने वाला थर्ड पार्टी बीमा 15 फीसदी की छूट पर मिल सकता है. इलेक्ट्रि्क व्हीकल्स के लिए मोटर पॉलिसी प्रीमियम ICE कारों के जैसा ही है. वैसे तो 1 जून से आईसीई वाहनों के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने थर्ड पार्टी बीमा के प्रीमियम दर में इजाफा कर दिया है. इलेक्ट्रि्क व्हीकल्स के लिए प्रीमियम तय करने का आधार, इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू (आईडीवी) और आपकी कार की स्थिति जैसे कारणों पर निर्भर करती है.
EV Insurance में क्या-क्या कवर होता है?
EV Insurance में थर्ड पार्टी कवर और सेल्फ का डैमेज कवर दोनों ही फैक्टर होते हैं. थर्ड पार्टी बीमा के तहत आपको रोड एक्सीडेंट या बैटरी में आग लगने या किसी और कारण से गाड़ी को हुए नुकसान की भरपाई करवा सकता है. वहीं ऑन डैमेज कवर के जरिए प्राकृतिक कारणों जैसे बाढ़, भूकंप या अन्य नैचुरल कॉज से हुअ डैमेज को कवर कर सकता है और आपको राहत दिला सकता है.
EV Insurance में बैटरी कवर कराना सबसे जरूरी
ईवी मैन्यूफैक्चरर अपनी कारों की बैटरी पर आमतौर पर 8-10 साल की वारंटी देते हैं पर अगर ये पहले खराब हो जाए तो व्यापक बीमा कवर में इसे बदलवाया जा सकता है. ईवी की बैटरी उसका सबसे अहम हिस्सा होती है और आपको ये सुनिश्चित करना चाहिए कि आपने जो मोटर इंश्योरेंस लिया है वो बैटरी कवर भी कर रहा है या नहीं.