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Bhadrapada Purnima Shradh 2022 अत्यंत महत्वपूर्ण है भाद्रपद मास पूर्णिमा, पूजा- अर्चना करने से होती हैं मनोकामनाएं पूरी

Bhadrapada Purnima Shradh 2022

Bhadrapada Mas Purnima Shradh 2022 :  पूर्णिमा का बहुत अधिक महत्व होता है। भाद्रपद मास की पूर्णिमा से ही श्राद्ध पक्ष भी शुरू हो जाता है। पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु की विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है। पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। आइए जानते हैं भाद्रपद पूर्णिमा डेट, पूजा का शुभ समय, विधि, महत्व और सामग्री की पूरी लिस्ट…

भाद्रपद पूर्णिमा

भाद्रपद मास की पूर्णिमा 10 सितंबर, शनिवार को है।

मुहूर्त-

भाद्रपद, शुक्ल पूर्णिमा प्रारम्भ – 06:07 पी एम, सितम्बर 09

  • इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। आप नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान भी कर सकते हैं। नहाते समय सभी पावन नदियों का ध्यान कर लें।
  • नहाने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
  • अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
  • सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
  • पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना का विशेष महत्व होता है।
  • इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना भी करें।
  • भगवान विष्णु को भोग लगाएं। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को भी शामिल करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
  • भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें।
  • इस पावन दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अधिक से अधिक ध्यान करें।
  • पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है।
  • चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा की पूजा अवश्य करें।
  • चंद्रमा को अर्घ्य देने से दोषों से मुक्ति मिलती है।
  • इस दिन जरूरतमंद लोगों की मदद करें।
  • अगर आपके घर के आसपास गाय है तो गाय को भोजन जरूर कराएं। गाय को भोजन कराने से कई तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है।

शुभ मुहूर्त- 

  • ब्रह्म मुहूर्त– 04:31 ए एम से 05:17 ए एम
  • अभिजित मुहूर्त- 11:54 ए एम से 12:44 पी एमॉ
  • विजय मुहूर्त– 02:24 पी एम से 03:14 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त– 06:22 पी एम से 06:46 पी एम
  • अमृत काल– 02:08 ए एम, सितम्बर 09 से 03:35 ए एम, सितम्बर 09
  • निशिता मुहूर्त– 11:56 पी एम से 12:42 ए एम, सितम्बर 09
  • रवि योग– 01:46 पी एम से 06:03 ए एम, सितम्बर 09

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