Bhookamap Delhi NCR: दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके, 5.9 रही तीव्रता, घरों व दफ्तरों से बाहर निकले लोग

Bhookamap Delhi NCR: दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके, 5.9 रही तीव्रता, घरों व दफ्तरों से बाहर निकले लोग

Bhookamap Delhi NCR: दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके, 5.9 रही तीव्रता, घरों व दफ्तरों से बाहर निकले लोग दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक इसका केंद्र अफगानिस्तान का फैयजाबाद रहा। रिक्टर स्कैल पर इसकी तीव्रता 5.9 रही और यह रात 7.55 पर आया। फिलहाल कहीं से किसी प्रकार की हानी की सूचना नहीं है।

जम्मू-कश्मीर में भी झटके हुए महसूस
झटके महसूस होने के बाद लोग घबराकर अपने-अपने घरों व दफ्तरों से बाहर निकल गए। दिल्ली से सटे नोएडा, फरीदाबाद व गुरुग्राम में भी लोगों को झटके महसूस हुए। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के सांबा, कठुआ, डोडा, उधमपुर, जम्मू, कटड़ा और श्रीनगर में भी इसके झटके महसूस किए गए।
नए साल के पहले दिन भी आया था भूकंप
इससे पहले साल के पहले दिन यानी एक जनवरी को भी भूकंप के झटके महसूस हुए थे। लेकिन तब इसकी तीव्रता महज 3.8 रही थी। एक जनवरी को हरियाणा में रात 1:19 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। उस वक्त झज्जर का बेरी भूकंप का केंद्र रहा था।
कैसे आता है भूकंप?
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।
भूकंप की तीव्रता
रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है।

लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।

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