भोपाल. प्रदेश के किसान नेता शिवकुमार कक्का जी ने किसान आंदोलन को प्रदेश के किसानों का भूरपूर समर्थन मिलने की बात कही है. उन्होंनें आंदोलन में मप्र की उपस्थिति और स्थिति को प्रभावी बताया है. उन्होंने भोपाल में संयुक्त किसान मोर्चे की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम अपना रुख सकारत्मक रखेंगे. आजादी की लड़ाई लड़ रहे हैं. हमला कैसा भी हो लेकिन हाथ हमारा नहीं उठेगा.
शिवकुमार ने कहा कि कृषि मंत्री इस कानून को तोहफा बता रहे हैं. जबकि, 6 महीने में 80 फीसदी मंडियां ध्वस्त हो गईं. दूसरी ओर इस कानून के मध्य प्रदेश में दुष्परिणाम भी सामने आ रहे हैं. किसान का पैसा खाकर व्यापारी भाग गए, समर्थन मूल्य से अनाज कम बिक रहा है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के किसान में आग है। चूंकी, दूरी ज्यादा है और ट्रेनें नहीं हैं, इसलिए किसानों का दिल्ली जाना मुश्किल हो रहा है. इसके बावजूद मध्य प्रदेश के कई किसान पलवल में बैठे हुए हैं. मध्य प्रदेश की किसान आंदोलन में उपस्थिति और स्थिति भरपूर और प्रभावी है.
पंजाब के किसान नेता दल ने कही यह बात
किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा ने कहा कि यह आंदोलन हरियाणा-पंजाब का नहीं, बल्कि देश का बन गया है. इस आंदोलन को पूरे विश्व का सहयोग मिल रहा है. मप्र से भी लोग आंदोलन में शामिल हुए. पहला कानून किसानों की रीढ़ की हड्डी तोड़ेगा. दूसरा कानून रोशनी दिखाएगा, लेकिन आगे जाकर यह किसान को अलग ट्रैक में फंसाएगा. तीसरा कानून किसान को बर्बाद कर देगा.
ये है सरकार से मांग
दल्लेवाल ने कहा कि हमारी पहली मांग है कि सरकार तीनों कानूनों को वापस ले. दूसरी मांग MSP गारंटी कानून लागू किया जाए, प्रस्तावित बिजली बिल लागू किया जाए. पराली जलाने को लेकर किसानों का शोषण बंद किया जाए. अब लड़ाई किसान की जमीन को बचाने का है।
कक्का जी ने कहा- अघोषित आपातकाल से गुजर रहा देश
किसान नेता शिवकुमार काका जी ने कहा ने कहा कि एक अघोषित आपातकाल से देश गुजर रहा है. हमारा आंदोलन अहिंसक है. सरकार तरह-तरह से आंदोलन को बदनाम करना चाहती है. सरकार संवेदनशील नहीं है. 50 किसान आंदोलन की भेंट चढ़ गए. उन्होंने कहा कि संवाद से हल निकलाने की दिशा में हमारा काम चल रहा है. हमने बाहरी देशों से आए समर्थन का धन्यवाद दिया, लेकिन उन से यह प्रार्थना भी की कि यह हमारे घर का मामला है, इसमें दखल नहीं होना चाहिए क्योंकि हम राष्ट्रीयवादी हैं.
यहां है प्रदेश के किसानों की मौजूदगी
कक्का जी ने कहा कि दूसरे देशों में रहने वाले हमारे लोग यदि मदद करते हैं तो इसे फॉरेन फंडिंग का नाम मत दीजिए. मध्य प्रदेश के किसान बड़ी संख्या में ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ पलवल के नजदीक दिल्ली-आगरा हाईवे पर बैठे हुए हैं. मध्य प्रदेश सरकार ने फरमान जारी किया है कि 50 किसान इकट्ठे नहीं हो सकते, लेकिन उनके कार्यक्रमों में हजारों किसान आ सकते हैं. मप्र के धरने पर रोटियों की दिक्कत थी पंजाब ने एक मशीन भेज दी है। मध्य प्रदेश से धरना स्थल की दूरी ज्यादा है. ट्रेन नहीं चल रही है, ट्रैक्टर ट्रॉली से वहां पहुंचा नहीं जा सकता.