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Black Life Matters ब्लैक लाइफ मैटर्स का समर्थन करने मैच से पहले घुटनों पर बैठने से मना किया क्विंटन डीकॉक ने

Black Life Matters ब्लैक लाइफ मैटर्स का समर्थन करने के लिए मैच से पहले घुटनों पर बैठने से मना किया क्विंटन डीकॉक ने

Black Life Matters Issue : साउथ अफ़्रीका के विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डीकॉक मंगलवार के मैच में नहीं खेल रहे हैं। इसके पीछे उनकी व्यक्तिगत अनुपलब्धता को वजह बताया जा रहा है। लेकिन माना जा रहा है कि क्विंटन को साउथ अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड का आदेश नहीं मानने की वजह से टीम से बाहर किया गया है। टीम के स्टार खिलाड़ी और पूर्व कप्तान डिकॉक ने ब्लैक लाइफ मैटर्स का समर्थन करने के लिए मैच से पहले घुटनों पर बैठने से मना कर दिया था। भारतीय विकेटकीपर दिनेश कार्तिक, जो कमेंट्री पैनल का हिस्सा हैं, ने इस बात को साझा किया है। उन्होंने ट्वीट किया कि क्विंटन डिकॉक आज का मैच नहीं खेल रहे हैं, क्योंकि उन्होंने ब्लैक लाइफ मैटर अभियान को लेकर अपना स्टैंड लिया। इससे पहले आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए विश्व कप के पहले मुकाबले में भी डि कॉक इसका हिस्सा नहीं बने थे।

विश्व कप से पहले यह तय किया गया था कि BLM (Black Life Matters) को सपोर्ट करने के लिए टीम के खिलाड़ियों के पास तीन ऑप्शन हैं। पहला तो एक घुटने को जमीन पर टेक कर मुट्ठी को हवा में लहराते हुए खड़ा रहना, दूसरा सिर्फ़ मुट्ठी को हवा में लहराते हुए खड़ा रहना और तीसरा सावधान की मुद्रा में खड़ा रहना। यह नियम श्वेत और अश्वेत सभी खिलाड़ियों और टीम के अन्य सदस्यों के लिए था।

ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेले गए मैच में क्विंटन डिकॉक ने इन तीनों शारीरिक पोज़ीशन में से एक को भी फ़ॉलो नहीं किया था। वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे मुकाबले में उतरने से पहले साउथ अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड की तरफ से यह फरमान जारी किया गया था कि टीम के सभी खिलाड़ियों को इसका हिस्सा बनना ही पड़ेगा। लेकिन डी कॉक ने इसे मानने से इंकार करते हुए वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ होने वाले मुक़ाबले से ठीक पहले व्यक्तिगत कारणों की वजह से ख़ुद को मैच से बाहर कर लिया। क्रिकेट साउथ अफ़्रीका ने इस बात को गंभीरता से लिया है।

साउथ अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड ने महसूस किया कि टीम के लिए नस्लवाद के ख़िलाफ़ एकजुट और लगातार स्टैंड लेना अनिवार्य था, ख़ासकर दक्षिण अफ्रीका के इतिहास को देखते हुए यह और भी ज़्यादा जरूरी था। विश्व कप में कई अन्य टीमों ने भी इसे अपनाया है। इसलिए बोर्ड का मानना है कि “टीम के खिलाड़ियों लिए एकजुट होना ज़रूरी है और नस्लवाद के ख़िलाफ़ लगातार लिए जा रहे क़दमों का समर्थन करना भी ज़रूरी है। ऐसे में जिद पर अड़े रहने से डी कॉक के लिए आगे की राह मुश्किल हो सकती है। साउथ अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड ने निर्देशों का उल्लंघन करने की वजह से उनके खिलाफ कदम उठाने का मन बना लिया है।

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