Assam-Meghalaya Border dispute: पिछले 50 सालों से चल रहा असम और मेघालय के बीच का सीमा विवाद अब खत्म हो गया है।
राजधानी दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री ने इससे जुड़े एक समझौते पर हस्ताक्षर किया। मंगलवार को गृह मंत्रालय में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा पहुंचे और गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में सीमा विवाद से जुड़े समझौते को अंतिम रुप दिया।
इस दौरान दोनों राज्यों के प्रमुख सचिव और अन्य अफसर भी मौजूद थे। समझौते के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि दोनों राज्यों के बीच विवाद के 12 बिन्दुओं में से 6 पर सहमति बन गई है और बाकी पर जल्द सहमति बनाई जाएगी।
12 विवादित क्षेत्र है। इनमें से 6 पर सहमति बन गई
आपको बता दें कि असम-मेघालय के बीच कुल 884.9 किलोमीटर का बॉर्डर है जिसमें 12 विवादित क्षेत्र है। इनमें से 6 पर सहमति बन गई है, जो कुल विवादित हिस्से का 70 फीसदी है। दोनों मुख्यमंत्रियों ने सीमा विवाद को लेकर गृह मंत्री अमित शाह को जो सिफारिशें सौंपी थीं, उसके मुताबिक कुल 36.79 वर्ग किलोमीटर ज़मीन में से असम अपने पास लगभग आधी यानी 18.51 वर्ग किलोमीटर विवादित भूमि रखेगा और बाकी 18.28 वर्ग किलोमीटर ज़मीन मेघालय को देगा।
29 जनवरी को एक अंतर-राज्य सीमा समझौते पर हस्ताक्षर
जानकारी के मुताबिक 31 जनवरी को दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने गृह मंत्री अमित शाह को एक समझौता पत्र विचार के लिए सौंपा था। पूर्वोत्तर के इन दोनों राज्यों ने 12 विवादित स्थानों में से छह में सीमा विवाद को सुलझाने के लिए इसी साल 29 जनवरी को एक अंतर-राज्य सीमा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। तब दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ संयुक्त बैठक की थी और तय किया गया कि 29 मार्च को होनेवाली अगली बैठक में इस सीमा विवाद समझौते को अंतिम रूप देने को लेकर फ़ैसला लिया जाएगा। उम्मीद है कि इस समझौते से इस दोनों राज्यों के बीच चली आ रही दशकों पुरानी दुश्मनी और हिंसक झड़पों का अंत हो जाएगा।