Breaking MP Local Body Election मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनावों की भी घोषणा
MP Local Body Election मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनावों की भी घोषणा
MP Local Body Election: नगरीय निकायों के वार्ड, नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष पदों का आरक्षण होने के बाद अब राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को एक जून तक चुनाव कार्यक्रम घोषित करने का समय दिया है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बसंत प्रताप सिंह इस बारे में मीडिया को संबोधित कर रहे हैं।
318 नगरीय निकायों में कराए जाएंगे चुनाव, 35 नवगठित नगर परिषद में 29 अभी चुनाव कराए जाएंगे 402 नगरीय निकायों की मतदाता सूची का प्रकाशन कर दिया है। नगर पालिका गढ़ाकोटा और खुरई मलाजखंड इनका क्षेत्र विस्तार है या कटौती की गई है इनमें वार्ड विभाजन अभी नहीं हुआ है इसलिए इनके भी चुनाव नहीं कराए जाएंगे अभी मतदाता सूची फाइनल होगी दलीय आधार पर होंगे नगरीय निकाय चुनाव।नगर पालिका गढ़ाकोटा और खुरई मलाजखंड इनका क्षेत्र विस्तार है या कटौती की गई है इनमें वार्ड विभाजन अभी नहीं हुआ है इसलिए इनके भी चुनाव नहीं कराए जाएंगे अभी मतदाता सूची फाइनल होगी। दलीय आधार पर होंगे नगरीय निकाय चुनाव। नगर निगम में 884 वार्ड, 76 नगर पालिका में 1795 वार्ड, पूर्व से गठित 226 नगर परिषद हैं इनके वार्ड 3393 और नवगठित 29 परिषद में 435 वार्ड हैं।महापौर का चुनाव सीधे जनता से होगा जबकि नगर परिषद और नगर पालिका में पार्षदों के माध्यम से चुनाव होगा। पहले चरण में 11 नगर निगम 36 नगर पालिका 86 नगर परिषद का चुनाव होगा। कुल 133 नगरीय निकायों का चुनाव होगा। 13148 मतदान केंद्र होंगे दूसरे चरण में नगर निगम 5 नगरपालिका 40 और 169 नगर परिषद के चुनाव कराए जाएंगे। कुंडली 214 नगरीय निकायों के चुनाव के चरण में होंगे। 6829 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
11 जिलों में एक ही चरण में चुनाव संपन्न होगा, 38 जिलों में 2 चरणों में चुनाव होगा। तीन जिलों में चुनाव नहीं होगा यहां नगरीय निकायों का कार्यकाल पूरा नहीं हुआ है अलीराजपुर मंडला और डिंडोरी।
कुल 19972 मतदान केंद्रों पर चुनाव कराया जाएगा। 87937 कर्मचारी चुनाव कराएंगे।
पहली बार पार्षद के लिए व्यय सीमा निर्धारित की गई है। मतदाताओं को नोटा का अधिकार मिलेगा।
अभ्यर्थियों को शपथ पत्र देना होगा आपराधिक रिकॉर्ड का विवरण भी देना होगा
सुबह 7:00 से शाम 5:00 बजे तक मतदान होगा
रिटर्निंग ऑफिसर मुख्यालय पर मतगणना की जाएगी
भोपाल और इंदौर नगर निगम की प्रत्येक वार्ड के लिए पांच प्रतिशत ईवीएम रिजर्व रखी जाएंगी
मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतिक दल के अभ्यर्थियों को आरक्षित प्रतीक चिन्ह आवंटित किए जाएंगे
ऑनलाइन नामांकन किया जा सकेगा
झूठा शपथपत्र देने पर छह माह की सजा 25000 का जुर्माना का प्रविधान है
आचार संहिता परिणाम घोषित होने तक प्रभावी रहेगी नगरीय क्षेत्रों में
11 जून को चुनाव की अधिसूचना जारी होगी और इसके साथ नामांकन दाखिल करने का सिलसिला प्रारंभ हो जाएगा
18 जून को नामांकन प्राप्त करने की अंतिम तारीख रहेगी
नामांकन पत्रों की जांच 20 जून को होगी
नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 22 जून में रहेगी
22 जून को ही प्रतीक चिन्हों का आवंटन हो जाएगा
प्रथम चरण का मतदान 6 जुलाई को होगा
आयोग के अधिकारियों का कहना है कि हमारी सभी तैयारियां हो चुकी हैं। मतदाता सूची, मतदान केंद्र, इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की जांच से लेकर अन्य सभी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। चुनाव दो चरणों में कराए जाएंगे। महापौर का चुनाव अब सीधे जनता करेगी। वहीं, नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव पार्षदों के माध्यम से कराया जाएगा। इसके लिए सरकार मध्य प्रदेश नगर पालिका विधि (संशोधन) अध्यादेश 2022 अधिसूचित कर चुकी है।
निकाय में ओबीसी को 25 से 28 प्रतिशत आरक्षण मिला : भूपेंद्र सिंह
नगरीय विकास और आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने दावा किया है कि नगरीय निकाय में अन्य पिछड़ा वर्ग को 25 से 28 प्रतिशत आरक्षण मिला है। उन्होंने कहा कि मंगलवार को आरक्षण प्रक्रिया के बाद आए आंकड़ों के अनुसार महापौर के 16 पदों में से चार (25 प्रतिशत) पद ओबीसी के लिए आरक्षित हैं। पहले भी यही स्थिति थी। नगर निगमों में ओबीसी के लिए पार्षदों के 234 (26.47 प्रतिशत) पद आरक्षित हुए हैं। पहले 221 वार्ड ही ओबीसी के लिए आरक्षित थे।
उन्होंने बताया कि नगर पालिका अध्यक्ष के 99 में से 28 पद (28.28 प्रतिशत) ओबीसी के लिए आरक्षित हुए हैं। पहले अध्यक्ष के 25 पद थे, जो 25 प्रतिशत होता था। वहीं नगर पालिका पार्षद के लिए 488 (26.20 प्रतिशत) वार्ड ओबीसी के लिए आरक्षित किए गए हैं, जो पूर्व में 479 (25 प्रतिशत) थे। नगर परिषदों में अध्यक्ष के 73 पद आरक्षित किए गए हैं। पूर्व में भी इतने ही पद थे।
सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने कई बाधाएं खड़ी कीं, आपत्तियां लगाईं, पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ओबीसी आरक्षण के साथ ही निकाय चुनाव कराने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा किया। इतना ही नहीं, आरक्षण भी 27 प्रतिशत तक पहुंचाने में सफलता प्राप्त की है।