CBI की FIR में दावा है कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के एक सहयोगी द्वारा संचालित कंपनी को एक शराब कारोबारी ने एक करोड़ रुपये का भुगतान किया था। सीबीआई ने आबकारी नीति 2021-22 बनाने और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार पर अपनी एफआईआर में यह दावा किया है।
सीबीआई की टीमें शुक्रवार सुबह से ही दिल्ली में सिसोदिया के आवास समेत कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 30 से अधिक छापेमारी कर रही है। सीबीआई ने 17 अगस्त को दर्ज की गई अपनी एफआईआर में आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत 13 लोगों और दो कंपनियों को नामजद किया गया है।
सिसोदिया के अलावा सीबीआई ने आरोपियों के रूप में तत्कालीन आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण, तत्कालीन उप आबकारी आयुक्त आनंद कुमार तिवारी, सहायक आबकारी आयुक्त पंकज भटनागर, नौ व्यवसायी और दो कंपनियों को नामजद किया है। सिसोदिया के पास शिक्षा विभाग के साथ आबकारी विभाग की भी जिम्मेदारी है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के माध्यम से उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के कार्यालय को भेजे गए एक संदर्भ पर सीबीआई की एफआईआर दर्ज की गई है।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि सिसोदिया और अन्य आरोपी लोक सेवकों ने निविदा के बाद लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ देने के इरादे से सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना आबाकरी नीति 2021-22 से संबंधित सिफारिश की और निर्णय लिया।