Chaitra Navratri kalash Shubh muhurat: दो अप्रैल को चैत्र नवरात्र के साथ हिंदू नववर्ष की शुरुआत होगी। चैत्र नवरात्र के लिए दो अप्रैल को घटस्थापना जाएगी। घट स्थापना नवरात्र की प्रतिपदा तिथि को की जाती है। प्रतिपदा तिथि एक अप्रैल को 11 बजकर 53 मिनट से शुरू हो रही है और दो अप्रैल को 11 बजकर 58 मिनट तक ही रहेगी। इसलिए इस समय से पहले ही घट स्थापना कर लेनी चाहिए। कलश स्थापना सही समय और सही विधि में करना चाहिए, इसकी सही विधि जानिए।
कलश स्थापना की विधि-2 अप्रैल को प्रतिपदा तिथि दिन में 12:28 तक ही व्याप्त होने के कारण यदि कलश स्थापना इससे पूर्व कर लिया जाए तो अति उत्तम होगा अर्थात सूर्योदय से लेकर के दोपहर में 12:28 तक कर लिया जाए तो अति उत्तम होगा जिसने यदि शुभ चौघड़िया प्राप्त हो जाए तो और अच्छी बात है । शुभ चौघड़िया इस प्रकार हैं सुबह 7:30 से 9:00 बजे तक और दोपहर में 12:00 बजे से लेकर के 12:28 के मध्य ।
नवरात्र में कलश स्थापना के लिये प्रतिपदा तिथि में स्नानादि से निवृत होकर पूजा स्थल को शुद्ध कर लें।
इसके बाद लकड़ी के एक आसन पर लाल रंग का वस्त्र बिछायें। वस्त्र पर श्री गणेश जी का स्मरण करते हुये थोड़े चावल रखें। अब मिट्टी की वेदी बनाकर उस पर जौ बोयें, फिर इस पर जल से भरा मिट्टी, सोने या तांबे का कलश विधिवत स्थापित करें। कलश पर रोली से स्वास्तिक या ऊँ बनायें। कलश के मुख पर रक्षा सूत्र भी बांधना चाहिये साथ ही कलश में सुपारी, सिक्का डालकर पंच पल्लव अर्थात आम,पीपल, पाकड़, गूलर,बरगद के पत्ते रखने चाहिये। अब कलश के मुख को ढक्कन से ढक कर इसे चावल से भर देना चाहिये। एक नारियल लेकर उस पर चुनरी लपेटें व रक्षा सूत्र से बांध दें। इसे कलश के मुँह अर्थात ढक्कन पर रखते हुए सभी देवी-देवताओं का आह्वान करें और अंत में दीप जलाकर कलश की पूजा करें व षोडशोपचार से पूजन के उपरान्त फूल व मिठाइयां चढा कर माता का पूजन ध्यान पूर्वक करें । इस घट पर कुलदेवी की प्रतिमा भी स्थापित की जा सकती है। कलश की पूजा के बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ भी करना चाहिये।
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – एक अप्रैल 2022 को 11 बजकर 53 मिनट से शुरू
प्रतिपदा तिथि समाप्त – दो अप्रैल 2022 को 11 बजकर 58 मिनट तक