VIDEO भारत भवन में हिंदी की व्यापकता एक विमर्श कार्यक्रम में दिखाई दिया. यहां सीएम ने कहा कि अपनी मातृभाषा पर गर्व होना चाहिए. इसके साथ ही सीएम ने डॉक्टरों को भी सलाह दी. उन्होंने कहा गांव-गांव में डॉक्टरों की जरूरत है. दवाई का नाम पर्चे में हिंदी ने क्रोसिन क्यों नहीं लिखा जा सकता. उसमें क्या दिक्कत है? ऊपर श्री हरी लिखो और फिर क्रोसिन लिख दो.
मुझे लगा कि हिंदी में मेडिकल पाठ्यक्रम के शुभारंभ के पूर्व हिंदी के बारे में व्यापक विमर्श करना चाहिए।मुझे प्रसन्नता है कि इस विमर्श में आज पूरा भोपाल बैठा है, समाज का हर वर्ग बैठा है, हमारे चिकित्सक मित्र, अस्पताल और मेडिकल कॉलेज संचालक भी बैठे हैं: CM#MP_में_हिंदी_में_MBBS pic.twitter.com/zNkUpJv5xr
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) October 15, 2022
सीएम शिवराज ने कहा कि मुझे ज्यादा कुछ कहना नहीं है, क्योंकि हमें करना है. हिंदी विश्वविद्यालय उसी का परिणाम था. मानस में परिवर्तन हो रहा है आगे भी होगा, लेकिन कुछ शब्द जो अब व्यहवारिक हैं. उन्हें भी शामिल करना होगा, अगर हम व्यहवारिक नहीं होंगे तो असफल हो जाएंगे.
अंग्रेजी के विरोधी नहीं- शिवराज
अंग्रेजी के हम विरोधी नहीं हैं लेकिन राष्ट्रभाषा के प्रति जागरूकता जरूरी. आज यह मानसिकता गलत है कि अंग्रेजी के बिना काम नहीं हो सकता है. मैंने कई मेडिकल कॉलेज के बच्चों को सिर्फ इसलिए मेडिकल कॉलेज छोड़ते देखा है क्योंकि उसकी अंग्रेजी अच्छी नहीं है. यह एक सामाजिक क्रांति है. कुछ भी असंभव नहीं है. जब मैंने घोषणा की थी कि तो कुछ लोग मुह