College Election राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। यहां के 17 विश्वविद्यालयों और 450 से ज्यादा कॉलेजों के छात्रसंघ चुनाव में कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई को बुरी हार मिली है। इन 17 में से छह विश्वविद्यालयों में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने जीत दर्ज की है। नौ विश्वविद्यालयों में निर्दलीय, जबकि दो पर वामपंथी संगठन एसएफआई के उम्मीदवारों ने जीत का परचम लहराया।
यहां तक की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह क्षेत्र में पड़ने वाले जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय और कॉलेजों में भी एनएसयूआई को हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, मंत्री मुरारीलाल मीणा, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, अर्जुन बामणिया, बीडी कल्ला, भंवर सिंह भाटी के गृह नगर में स्थित विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में भी एनएसयूआई को बुरी हार मिली है।
पुरे राजस्थान के एक भी विश्वविद्यालय में कांग्रेस के इस छात्र संगठन का खाता नहीं खुल सका। अगले साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके पहले छात्रसंघ चुनाव में मिली ये बुरी हार कांग्रेस के लिए एक बड़े खतरे की आहट बताई जा रही है।
पहले जानिए छात्रसंघ चुनाव में क्या-क्या हुआ?
पिछले दिनों राजस्थान के 17 विश्वविद्यालयों और 450 से ज्यादा कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव हुए। शनिवार 27 अगस्त को इसके नतीजे आए। 17 में से छह विश्वविद्यालयों में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने जीत दर्ज की। नौ विश्वविद्यालयों में निर्दलीय, जबकि दो पर एसएफआई के उम्मीदवारों ने जीत का परचम लहराया।
120 से ज्यादा कॉलेजों में भी एबीवीपी की जीत हुई। करीब 100 कॉलेजों में एनएसयूआई के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की। इस बार भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा (बीपीवीएम) ने भी जादू बिखेरा। बीपीवीएम के भी 80 से ज्यादा प्रत्याशियों ने जीत हासिल की।