Collegium जजों की नियुक्ति मामले में टकराव, कॉलेजियम पर फिर बोले रिजिजू-जजों का कीमती समय बर्बाद कर रही यह व्यवस्था

जजों की नियुक्ति मामले में टकराव, कानून मंत्री रिजिजू ने लिखा CJI को पत्र…

Collegium जजों की नियुक्ति के मामले में केंद्र और सुप्रीम कोर्ट के बीच टकराव जारी है. सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने CJI डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है और हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में सरकार के प्रतिनिधियों को शामिल करने का सुझाव दिया है. साथ ही जजों की नियुक्ति की संवैधानिक प्रक्रिया में सरकार के प्रतिनिधि शामिल करने का सुझाव भी दिया.

पत्र में केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों को SC कॉलेजियम में और संबंधित राज्य सरकार के प्रतिनिधियों को HC कॉलेजियम में शामिल करने का सुझाव भी शामिल है. सूत्रों का कहना है कि पत्र में कहा गया कि ये पारदर्शिता और सार्वजनिक जवाबदेही के संचार के लिए जरूरी है.सूत्रों के मुताबिक CJI डी वाई चंद्रचूड़ को कानून मंत्री किरेन रिजिजू का पत्र संवैधानिक अधिकारियों की ओर से आलोचना की कड़ी में नया है.

कॉलेजियम 25 साल पुरानी प्रणाली है, जिसके माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के जज सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति की जाती है. वर्तमान कॉलेजियम में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एसके कौल, केएम जोसेफ, एमआर. शाह, अजय रस्तोगी और संजीव खन्ना शामिल हैं.

रिजिजू ने कॉलेजियम प्रणाली पर उठाए थे सवाल

उपराष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष ने भी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट पर अक्सर विधायिका के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण करने का आरोप लगाया है. कॉलेजियम प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी के बारे में सार्वजनिक रूप से बोलने के बाद केंद्रीय कानून मंत्री ने पत्र लिखकर ये सुझाव दिए हैं.

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