congress president election कांग्रेस में अध्यक्ष पद को लेकर चल रहा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा। मुख्यमंत्री गहलोत के अध्यक्ष बनने की अटकलों के बाद राजस्थान की पॉलिटिक्स में आये तूफान से कांग्रेस अभी निपट ही रही है कि अब थुरूर वर्सेस दिग्विजय यह मामला दिखने लगा है।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ऐसे समय नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं जब राजस्थान के राजनीतिक संकट के चलते मुख्यमंत्री गहलोत के नामांकन पत्र दाखिल करने की संभावना पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। लोकसभा सदस्य शशि थरूर पहले ही चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं और वह 30 सितंबर को अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करेंगे।
गहलोत से आलाकमान की नाखुशी के चलते कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव अब दिग्विजय बनाम थरूर की ओर जाता नजर आ रहा है। 75 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी अशोक गहलोत की तरह गांधी परिवार के लंबे समय से वफादार हैं। ऐसे में गांधी परिवार गहलोत से समर्थन वापस लेकर दिग्विजय सिंह को मैदान में आगे कर सकता है।
बीच राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत बुधवार रात दिल्ली के लिए रवाना हो गए। राजस्थान के मुख्यमंत्री पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की दौड़ में सबसे पसंदीदा थे। लेकिन उनके वफादारों ने राजस्थान में बगावत कर दी जिससे पार्टी आलाकमान नाराज हो गया। अब सब कुछ गहलोत की दिल्ली दरबार में हाजिरी से तय होगा। गहलोत गुरुवार को सोनिया गांधी से मिल सकते हैं। यह मुलाकात ही आगे का रास्ता तय कर सकती है। सोनिया और गहलोत की मीटिंग के बाद तय होगा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मैदान में गहलोत उतरेंगे या दिग्विजय सिंह!
कांग्रेस की राजस्थान इकाई में उत्पन्न राजनीतिक संकट के बीच पार्टी पर्यवेक्षकों ने ‘घोर अनुशासनहीनता के लिए गहलोत के करीबी तीन नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की थी। इसके कुछ देर बाद ही पार्टी की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति की ओर से इन्हें ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी कर दिए गए।