Cooperative Society For Rural Areas भोपाल। सहकारिता के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आर्थिक विकास के माडल को ध्यान में रखते हुए शिवराज सरकार नवाचार करने जा रही है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग स्थापित किए जाएंगे। ये स्थानीय मांग पर आधारित होंगे। इससे रोजगार के अवसर तो उपलब्ध होंगे ही आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी। जिसका सीधा असर ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर होंगे उपलब्ध, आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी
इसके लिए पहले सर्वे कराया जाएगा और फिर सहकारी समितियां गठित की जाएंगी। इनका काम उत्पादन तक सीमित रहेगा। विपणन का जिम्मा जिला स्तरीय समितियां संभालेंगी। ये समितियां ही प्राथमिक समितियों को कच्चा माल भी उपलब्ध कराएगी। जो सामग्री तैयार होगी, उसकी बिक्री का इंतजाम जिला स्तर पर किया जाएगा और जो सामग्री बचेगी उसे राज्य स्तर बिकवाने के प्रयास किए जाएंगे। यह काम ग्रामीण औद्योगिकीकरण महासंघ करेगा। इसका पंजीयन 31 मार्च 2022 के पहले होगा और फिर प्राथमिक सहकारी समितियां बनेंगी।
प्रदेश में स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने और आर्थिक विकास को मद्देनजर रखते हुए सहकारिता विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी समितियां बनाने का निर्णय किया है। दरअसल, प्रत्येक ग्राम में कुछ न कुछ ऐसा काम होता है, जिसे व्यापारिक दृष्टिकोण से संगठित करके किया जाए तो न सिर्फ उत्पाद का अच्छा मूल्य मिल सकता है बल्कि रोजगार के अधिक अवसर भी बनेंगे। इससे पलायन भी रुकेगा।
इसे ध्यान में रखते हुए सहकारिता विभाग ने ग्रामीण औद्योगिकीकरण महासंघ बनाने का निर्णय किया है। 31 मार्च तक महासंघ बन जाएगा और फिर ग्राम स्तर पर सर्वे करके उद्योग स्थापित करने के लिए सहकारी समिति गठित की जाएगी। इसमें यह देखा जाएगा कि उद्योग स्थापित होने से कितने लोगों को रोजगार मिलेगा और जो उत्पादन होगा, उसकी खपत कहां और कैसे होगी। उद्योग की स्थापना के लिए शासन द्वारा चलाई जा रहीं विभिन्न् योजनाओं से सहायता और बैंक से ऋण्ा दिलाया जाएगा। कृषि क्षेत्र से जुड़े उद्योग की स्थापना में केंद्र सरकार की कृषि अधोसंरचना निधि के तहत भी परियोजना स्वीकृत कराने के प्रयास किए जाएंगे।
Cooperative Society For Rural Areas विपणन का जिम्मा संभालेगा महासंघ
सहकारिता विभाग के संयुक्त पंजीयक अरविंद सिंह सेंगर ने बताया कि सरकार का दृष्टिकोण बिलकुल साफ है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए स्थानीय स्तर पर ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएं। इसके लिए सहकारिता ही सबसे बड़ा माध्यम है। ग्रामीण औद्योगिकीकरण महासंघ छोटे-छोटे उद्योग स्थापित करने का काम करेगा, जो पूरी तरह से स्थानीय आवश्यकता के अनुसार होंगे। समितियों को कधाा माल जिला और राज्य स्तर से उपलब्ध कराया जाएगा। विपणन व्यवस्था का काम महासंघ देखेगा। इसके लिए कंपनियों और व्यापारियों से संपर्क भी किया जाएगा।