Corona Black Fungus Update: 40 दिन बाद 2 लाख के नीचे आए कोरोना केस,
Corona Black Fungus Update: 40 दिन बाद 2 लाख के नीचे आए कोरोना केस,
Corona Black Fungus Update: देश में कोरोना के केस लगातार गिर रहे हैं। कहा जा रहा है कि अब कोरोना महामारी की दूसरी लहर काबू में आ गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, बीते 24 घंटों में कोरोना के 1,96,427 नए केस सामने आए हैं। यह 40 दिन बाद है कि एक दिन में 2 लाख के कम मरीज सामने आए हैं। इस बीच, 3,26,850 मरीज डिस्चार्ज हुए हैं, वहीं 3,511 मरीजों की मौत हुई है। इस तरह भारत में कोरोना महामारी का कुल आंकड़ा 2,69,48,874 हो गया है। इनमें से 2,40,54,861 मरीज ठीक हुए हैं। मृतकों की कुल संख्या 3,07,231 हो गई है। अभी देश में 25,86,782 एक्टिव केस हैं।
इस बीच, काली फफूंद या काली फंगस (Black Fungus) के केस बढ़ते जा रहे हैं। ताजा खबर यह है कि Black Fungus ने 18 राज्यों में अपने पैर पसार लिए हैं जहां कुल मिलाकर 5,424 मरीज सामने आए हैं। महामारी कानून में अधिसूचित होने के बाद विभिन्न राज्यों ने म्यूकोरमायकोसिस यानी ब्लैक फंगस से ग्रसित मरीजों की जानकारी केंद्र सरकार को भेजनी शुरू कर दी है। 5,424 मरीजों में से 4,556 मरीजों को कोरोना से संक्रमित होने के बाद ब्लैक फंगस हुआ है।
कोरोना को लेकर गठित मंत्रिमंडलीय समूह की 27वीं बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने देश में फंगस संक्रमण की ताजा स्थिति की जानकारी देते हुए कहा कि इसके सबसे ज्यादा मरीज गुजरात में 2,165 और महाराष्ट्र में 1,188 हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में 663, मध्य प्रदेश में 590, हरियाणा में 339 और आंध्र प्रदेश में 248 मरीज भी अभी तक पाए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि फंगल संक्रमण के लिए डायबिटीज को सबसे अधिक जिम्मेदार बताया जा रहा है और आंकड़ों से इसकी पुष्टि भी होती है। इससे संक्रमित होने वालों में 55 फीसद डायबिटीज के मरीज हैं। वैसे हर्षवर्धन ने यह नहीं बताया कि जिन लोगों को डायबिटीज नहीं है, वे फंगल संक्रमण के शिकार कैसे हुए।
कोरोना महामारी की दूसरी लहर में लगातार हालात बेहतर हो रहे हैं। पिछले 11 दिनों से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या नए मामलों से अधिक बनी हुई है। इसके चलते 10 दिनों में सक्रिय मामलों में 10 लाख से ज्यादा की कमी आई है। प्रतिदिन सामने आने वाले नए मामले भी करीब डेढ़ महीने बाद घटकर दो लाख से नीचे आ गए हैं और मौतों की संख्या भी चार हजार से कम है।