Corona News Indore इंदौर भारत में सात में से एक भारतीय मानसिक बीमारी से पीडि़त है। इसका मुख्य कारण तनाव है। डिप्रेशन और ऐंग्जाइटी सबसे काॅमन मानसिक बीमारियां है। देश में इन दो समस्याओं के पीडित की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कोरोना महामारी में 43 फीसदी लोग डिप्रेशन का शिकार हुए है। इस कारण से लोगों में न्यूरो प्रॉब्लम हो रही है। यह कहना है न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. आशीष बागड़ी का। क्रिएट स्टोरीज सोशल वेलफेयर सोसाइटी द्वारा शुक्रवार को स्टे स्ट्रेस फ्री का कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
डॉ. आशीष बागड़ी का कहना है कि तनाव दूर करने के लिए लोगों से मिलिए। परिवार के सदस्यों से बातें करें। मन में बात करने से मानसिक रोग विकसित हो सकते हैं। स्ट्रेस की वजह से क्रोनिक तनाव मानसिक बीमारी को बढ़ता है। तनाव ब्रेन की सरंचना को बदलता है। इसका असर व्यकित की मनोदशा, मेमोरी, स्वभाव पर पड़ता है। डॉ. आशीष का कहना है कि जब हम शारीरिक या मानसिक रूप से तनाव लेते हैं तो शरीर अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल इससे निपटने में करता है जिसे फाइट रिस्पांस कहते हैं। इससे नर्वस सिस्टम एडरल ग्लैंड एड्रेनालिन और कॉर्टिसोल छोड़ने के निर्देश देते हैं। इन हर्मोंस की वजह से दिल की धड़कन बढ़ जाती है। इससे बीपी बढ़ जाता है और पाचन क्रिया प्रभावित होती है। रक्त के प्रवाह में ग्लूकोज का स्तर तेजी से बढ़ता है। मांसपेशियों में खिंचाव होता है। इसमें आधा सर दर्द, सिरदर्द, माइग्रेन, स्ट्रोक, पेनिक अटैक या मांसपेशियों और हडि्यों से जुड़े परिवर्तन होते हैं।
– मानसिक रोग का सबसे साधारण प्रकार अवसाद या डिप्रेशन है। आमतौर पर इसकी शुरुआत तनाव से होती है।
– कुछ लोगों में ऐसा देखा जाता है कि वे कुछ देर पहले हुई चीजों को भूल जाते हैं। यह एक मानसिक रोग है।
– जब किसी व्यक्ति के मस्तिष्क की कोई नस दब जाती है तो उसे मेडिकल भाषा में पार्किसन कहा जाता है।
कमजोरी, उदास रहना, दोस्तों और परिवार के सदस्यों से अलग रहना, मूड का बार-बार बदलना, असामान्य बर्ताव करना, घबराहट या डर लगना, अकेले रहना, सर का भरी रहना, आधा सर दर्द, पेनिक अटैक, स्ट्रोक, अंधेरे में अधिक समय बिताना, वजन में बदलाव, चक्कर आना, अनिद्रा, नकारात्मक रहना, हाइपर एंगर, गलत चीजों की लत लगना।
इस तरह बच सकते हैं
– सकारात्मक सोच रखना।
– अपनी कमज़ोरियों को स्वीकार करना।
– योगा या एक्सराइज करना।
– हेल्दी डाइट अपनाना।
– हाइड्रेटेड रखना।
– दोस्तों या परिवार के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं।
– किसी अपने पर भरोसा कर बात शेयर कर मन हल्का रखना।
– भरपूर नींद या क्वालिटी नींद लें 6 से 8 घंटे।
– कुछ वक्त अपनी हॉबी को देना चाहिए।