corona update बीते दो साल से दुनिया कोरोना महामारी के खौफ में जी रही है. कई देश अब धीरे-धीरे नॉर्मल लाइफ स्टाइल अपनाने की कोशिश कर रहे हैं. इन देशों में हमारा देश भी शामिल है. लेकिन अब एक बार फिर देश के 5 राज्यों में कोरोना के ज्यादा संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं. इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने दिल्ली, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र और मिजोरम को चिट्ठी लिखी है. जिसमें उन्होंने कोरोना के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने की सलाह दी है.
क्या लिखा है इस चिट्ठी में
इस चिट्ठी में दिल्ली, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र और मिजोरम की पॉजिटिविटी दर पर चिंता जाहिर की गई है. साथ ही बताया गया है कि केरल में बीते सप्ताह 2321 नए मामले पाए गए हैं. जो कि पूरे देश के कोरोना मामलों का 31.8 प्रतिशत है, साथ ही पॉजिटिविटी रेट 13.45 प्रतिशत से बढ़कर 15.53 प्रतिशत हो गया है. मिजोरम में 814 नए केस मिले हैं, ये देश के पूरे मामलों का 11.16 प्रतिशत है. यहां भी पॉजिटिविटी रेट 14.38 प्रतिशत से बढ़कर 16.48 प्रतिशत हो गया है.
इसे भी पढ़ें: मंदिर दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को नहीं ले जाएंगे मुस्लिम ड्राइवर? चल रहा है ऐसा अभियान
दिल्ली और महाराष्ट्र के हैं ये हाल
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 794 नए केस मिले हैं, जो देश के कुल मामलों का 10.9 प्रतिशत है. यहां का पॉजिटिविटी रेट 0.39 प्रतिशत से बढ़कर 0.43 प्रतिशत हो गया है. दिल्ली में 826 केस नए सामने आए हैं, जो देश के मामलों का 11.33 प्रतिशत है. दिल्ली में भी पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 0.51 प्रतिशत से 1.25 प्रतिशत हो चुका है. वहीं हरियाणा में 416 नए केस पाए गए हैं. जो देश के मामलों का 5.70 प्रतिशत है. यहां भी पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 0.51 प्रतिशत से 1.06 प्रतिशत हुआ है.
सावधानी के साथ ये काम करने की सलाह
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने 5 राज्यों को चिट्ठी लिखी है. जिसमें कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों पर सावधान रहने को कहा है. देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 1 हजार 109 केस आए हैं. देश में कोरोना वायरस बीमारी का पॉजिटिविटी रेट एक प्रतिशत से भी कम है. भारत में इस समय कोरोना वायरस के कुल 11,492 एक्टिव मरीज हैं. लेकिन 5 राज्यों से पिछले एक हफ्ते में कोरोना के बढ़े हुए मामले दर्ज हुए हैं. इन आंकड़ों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. केंद्रीय स्वास्थय सचिव ने चेतावनी दी है कि ये पांचों राज्य टेस्टिंग बढ़ाएं और जरूरत पड़ने पर कंटेनमेंट जोन बढ़ाने से ना हिचकें. चिट्ठी में लिखा है कि इन राज्यों की लापरवाही पूरे देश पर भारी पड़ सकती है.