नई दिल्ली । Corona Vaccine in India अगले कुछ हफ्तों में भारत में कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी उपयोग के लिए मंजूरी मिल सकती है। दुनिया के कई देशों में जहां इमरजेंसी उपयोग के लिए अलग-अलग वैक्सीन को मंजूरी दी जा चुकी है, वहीं भारत में फिलहाल आठ ऐसी कोरोना वैक्सीन हैं, जिन्हें जल्द ही केंद्र सरकार मंजूरी दे सकती है। इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए देश में अब तक 3 कंपनियों- फाइजर इंडिया, भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने आवेदन दिया है। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट से उनके टीकों का एडिशनल सेफ्टी और एफेकसी डाटा मांगा है। इसके अलावा फाइजर के आवेदन पर अभी तक विचार नहीं हुआ है क्योंकि कंपनी ने प्रजेंटेशन के लिए और वक्त मांगा है। दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने उन तमाम मीडिया रिपोर्ट्स को बेबुनियाद बताया गया है, जिसमें कहा गया था कि भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट के आवेदन खारिज हो गए हैं। गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ भारत में 8 कंपनियां वैक्सीन विकसित करने में लगी हैं। आइए जानते हैं कि किस स्टेज में है कौन-सी वैक्सीन…
1. कोविशील्ड वैक्सीन चिम्पैंजी के एडेनोवायरस से निर्मित की गई है, जिसे पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर विकसित कर रही है। ये वैक्सीन ट्रायल के अपने दूसरे और तीसरे चरण में है।
2. कोवाक्सिन कोरोना वायरस के इनएक्टिवेटेड वायरस पर आधारित है। इसे हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के साथ मिलकर बना रही है। कोवाक्सिन ट्रायल के तीसरे चरण में है
3. जाइकोव-डी डीएनए आधारित कोविड-19 वैक्सीन है, इसे अहमदाबाद की कैडिला हेल्थकेयर, बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के साथ मिलकर बना रही है। वैक्सीन ट्रायल फिलहाल तीसरे दौर में है।
4. रूस की स्पूतनिक-V वैक्सीन ह्यूमन (मानव) एडेनोवायरस पर आधारित वैक्सीन है। रूस की गमालेया नेशनल सेंटर के साथ मिलकर भारत में हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डीज लैब विकसित कर रही है। वैक्सीन के ट्रायल का दूसरा चरण पूरा हो गया है और जल्द ही तीसरा चरण शुरू होगा।
5. NVX-CoV2373 वैक्सीन प्रोटीन के सब यूनिट पर निर्भर है और इसे नोवावैक्स के साथ मिलकर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया विकसित कर रहा है। भारत में इसके तीसरे चरण के ट्रायल की तैयारियां चल रही हैं।
6. Recombinant Protien Antigen आधारित कोरोना वायरस वैक्सीन को हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल ई लिमिटेड, एमआईटी यूएसए के साथ मिलकर तैयार कर रही है। इस वैक्सीन का जानवरों पर ट्रायल हो चुका है। वैक्सीन अपने ह्यूमन ट्रायल के पहले और दूसरे चरण में है, जिसकी शुरुआत कर दी गई है।
7. HGCO-19 वैक्सीन mRNA आधारित वैक्सीन है, जिसे पुणे की कंपनी Genova और अमेरिकी कंपनी HDT के मिलकर बना रही है। जानवरों पर इस वैक्सीन का ट्रायल पूरा हो चुका है। ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल का पहला और दूसरा चरण अभी शुरू होने वाला है।
8. Inactivated rabies vector platform नाम की वैक्सीन को हैदराबाद की भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड अमेरिका की थॉमस जैफरसन यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर बना रही है। वैक्सीन अपने प्री-क्लिनिकल (एडवांस्ड) स्टेज में है।